उत्तराखंड के इस मंदिर में छिपे हैं हैरान करने वाले रहस्य

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देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित कसार देवी मंदिर कई रहस्यों से भरा है. मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में देवी मां ने स्वयं अवतार लिया था। इतना ही नहीं यहां रहस्यमयी चुंबकीय शक्ति पाई गई है।Kasar Devi Temple

 

वैज्ञानिकों के मुताबिक नासा ने कसार देवी मंदिर के परिसर में जीपीएस 8 सेंटर को चिह्नित किया है। नासा ने ग्रेविटी प्वाइंट के बारे में बताया है। इस मंदिर में मानसिक शांति का अनुभव किया जा सकता है। कसार देवी मंदिर के चारों ओर एक वैन एलन बेल्ट है। यहां पृथ्वी के अंदर एक बहुत बड़ा भू-चुंबकीय पिंड है। इसमें विद्युत आवेशित कणों की एक परत होती है। इसे ही विकिरण कहते हैं।

दक्षिण अमेरिका के पेरू में स्थित माचू-पिच्चू और स्टोन हेंग के साथ कसार देवी में अद्भुत समानताएं पाई गई हैं। हर साल नवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों की भारी भीड़ दर्शन के लिए आती है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कसार देवी का मेला भी आयोजित किया जाता है। वहीं इस मंदिर में आने वाले भक्त सीढ़ियां चढ़कर मां के दर्शन करते हैं।

स्वामी विवेकानंद कसार देवी मंदिर आए थे। कहा जाता है कि अल्मोड़ा से करीब 22 किलोमीटर दूर काकड़ीघाट में सन् 1890 में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसके अलावा बौद्ध गुरु अंगरिका गोविंदा ने गुफा में विशेष ध्यान किया। यह 60 और 70 के दशक में हिप्पी आंदोलन के लिए एक लोकप्रिय स्थान था। यह गांव के बाहर क्रैंक रिज के लिए जाना जाता था। मन की शांति के लिए आज भी हर साल विदेशों से पर्यटक यहां आते हैं।

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