स्वयंभू स्वामी ओमजी ने दाखिल की ये याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने ठोंका 5 लाख का जुर्माना

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने खुद को स्वामी बताने वाले बिग बॉस के पूर्व प्रतियोगी ओमजी को 8 हफ्ते में पांच लाख रुपये जमा करवाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने ओमजी पर 2017 में फालतू याचिका दाखिल करने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने इसे कम कर दिया।

Swami Omji

दरअसल, 24 अगस्त, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने ओमजी की ओर से जस्टिस दीपक मिश्रा को आगामी चीफ जस्टिस बनाये जाने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माना लगाया था।

याचिका में कहा गया था कि जस्टिस दीपक मिश्रा को अगला चीफ जस्टिस बनाया जाना गैरकानूनी है लेकिन दोनों इसके पक्ष में कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाए। उन्होंने दलील दी थी कि तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर की ओर से आगामी चीफ जस्टिस के नाम की अनुशंसा करना संविधान की भावना के खिलाफ है। जुर्माना लगाये जाने पर स्वामी ओमजी ने कहा था कि हमारे पास दस रुपये भी नहीं हैं तो कोर्ट ने कहा कि आपके पास करोड़ों समर्थक हैं, उनसे एक-एक रुपये ले लेंगे तो जुर्माने की रकम जमा हो जाएगी।

सुनवाई के दौरान स्वामी ओमजी ने कहा था कि वे बिग बॉस में आने के बाद पॉपुलर हो गए। इस पर जस्टिस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कंफ्यूज हो गए और पूछा था कि बिग बॉस का मतलब क्या? तब कोर्ट मास्टर ने समझाया कि बिग बॉस एक टीवी प्रोग्राम है, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों के खिलाफ दस-दस लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया।

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