भारत से विवाद के चलते चीन ने अपनी सेना को दिया आदेश, कहा- करों युद्ध की तैयारी॰॰॰

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बीते एक वर्ष में पूर्वी लद्दाख में हिंदुस्तान के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने पहली बार तिब्बत का दौरा किया। उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी का भी दौरा किया जिस पर चीन विश्व का सबसे बड़ा बांध बना रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने तिब्बत में मौजूद चीनी फौज के स्थानीय सैनिकों से भी ‘युद्ध की तैयारियों’ को मजबूत करने को कहा है।

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जिनपिंग का दौरा अपने आप में हिंदुस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और सेना को दिया गया यह निर्देश ड्रैगन की असली मंशा पर एक बार फिर प्रश्न खड़ा करना लाजिमी है।

‘युद्ध के लिए तैयार हो जाओ’

चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि शी ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के तिब्बत सैन्य कमान के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। अखबार के अनुसार, राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि स्थानीय सैनिकों के प्रशिक्षण और तैयारी को मजबूत किया जाना चाहिए और तिब्बत की स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक शक्ति प्रदान करने में योगदान देना चाहिए। गौरतलब है कि हिंदुस्तान से सटी सरहद की जिम्मेदारी इसी कमान को दी गई है।

‘लोगों को महसूस करनी चाहिए खुशी’

शी ने कहा कि तिब्बत में उच्च गुणवत्ता वाला विकास इस सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए कि उसे स्थानीय एकता और विकास को बढ़ावा देना चाहिए, लोगों के रोजगार में सुधार करना चाहिए, उन्हें जोड़ना चाहिए और स्थानीय लोगों के लिए लाभ, सुरक्षा और खुशी लाना चाहिए। भावना को बढ़ाने के लिए। हालांकि इस दौरे पर जिनपिंग का ध्यान सिर्फ तिब्बत पर ही नहीं था। ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी और उसकी सहायक नदियों का निरीक्षण किया।

लद्दाख से अरुणाचल तक निगाहें टिकी हैं

लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक हिंदुस्तान की भूमि पर निगाह रखने वाला चीन अब हिंदुस्तानीय जल संसाधनों पर ‘कब्जा’ करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है।

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