ताइपे। विश्व महाशक्ति बनने की ख्वाहिश पाले चाइना अब अपने पड़ोसी देशों से रार ठाने हुए हैं। उसका भारत से तो गतिरोध चल ही रहा था। वहीं अब वह ताइवान से भी भिड़ चुका है। मौजूदा समय में चीन और ताइवान के बीच तनाव काफी बढ चुका है। चीन ने एक बार फिर ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में 13 मिलिट्री एयरक्राफ्ट भेजे हैं। चीन ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब निकारागुआ ने ताइवान के साथ संबंध तोड़कर चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक 13 चीनी विमानों में से दो H-6 बॉम्बर्स और एक Y-8 इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर प्लेन दक्षिण पूर्वी ताइवान के वायु क्षेत्र में बहुत भीतर तक पहुंच गए थे। वहीं अन्य 10 एयरक्राफ्ट की बात करें तो एक Y-8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान, एक KJ-500 थर्ड जनरेशन एयरबोर्न, छह शेनयांग J-16 और दो चेंगदू J-10 फाइटर जेट्स शामिल थे।
चीन की इस हरकत के जवाब में ताइवान ने एक लड़ाकू हवाई गश्ती अभियान चलाया और रेडियो चेतावनी भेजी। इसके साथ ही चीनी सैन्य बेड़े को ट्रैक करने के लिए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की तैनाती की। वायु रक्षा पहचान क्षेत्र शुरुआती चेतावनी प्रणाली हैं जो देशों को अपने हवाई क्षेत्र में घुसपैठ का पता लगाने में मदद करते हैं। गौरतलब है कि चीन लगातार ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में युद्धक विमान भेजता रहा है।
बीते दो महीने में ड्रैगन ने सैंकड़ों एयरक्राफ्ट ताइवान की वायु सीमा में भेजे हैं। इसे लेकर ताइवान ने चिंता जताई है और बीजिंग को चेतावनी भी दी है। बताते चलें कि बीजिंग हमेशा से ताइवान पर अपनी संप्रभुता का दावा करता रहा। हालांकि सच ये है कि दोनों देश सात दशक से अधिक वक्त से अलग-अलग शासित हैं।