Teachers day 2020: जाने शिक्षक दिवस का महत्व….

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लाइफ स्टाइल। सबसे पहले यह प्रश्न आता है, कि शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? क्यो मनाया जाता है, तो हम आपको बता दें कि हमारे देश में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है और शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है। तो आइये जानते है, कि भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक विद्वान शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के वहुमूल्य 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में इस देश के भविष्य को सजाने और संवारने में अपना योगदान दिया। उनका जन्म दिनांक 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तिरुतनी में हुआ था। उनके उप राष्ट्रपति बनने के बाद उनके मित्रों और कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मानाने की इच्छा व्यक्त की। डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस में रूप में मनाया जाएगा, तो उन्हें बहुत गर्व होगा। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए हर वर्ष उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक ही नहीं सभी छात्रों के लिए भी शिक्षक दिवस बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन छात्र अपने शिक्षक और शिक्षिकाओं के सामने अपने विचार और अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। शिक्षक दिवस के दिन देश के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया जाता है। शिक्षक दिवस भारत के साथ अन्य देशों में भी मनाया जाता है। सभी देशों में अलग – अलग दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत में शिक्षक 5 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व शिक्षक दिवस दिनांक 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

शिक्षक का अर्थ

शिक्षक का अर्थ होता है शिक्षा देने वाला। लेकिन हमारे जीवन में शिक्षक का स्थान माता – पिता से भी ऊपर माना जाता है। माता-पिता हमें जन्म देते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत का अर्थ समझाते हैं। हमारे अंदर के अंधकार को शिक्षक ज्ञान के प्रकाश से दूर करते हैं। शिक्षक हमारा मार्ग दर्शन करके हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। शिक्षक हमें आदर्श नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षक का स्थान भगवन के सामान होता है। कहा भी गया है…..

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुर साक्षात परब्रह्म:, तस्मै श्री गुरुवे नमः

मतलब- गुरु ब्रम्हा के सामान हैं, गुरु विष्णु के सामान है, गुरु ही महेश्वर यानी भगवान शिव के सामान हैं। गुरु सभी देवों में श्रेष्ठ परब्रम्ह के सामान है, ऐसे गुरु को हमारा नमन है। प्रणाम है।

महान कवि कबीरदास जी ने भी कहा है……

सब धरती कागज करूं,
लिखनी सब बनराय।
सात समुन्दर की मसि करूं,
गुरु गुण लिखा न जाय।

मतलब- सब पृथ्वी को कागज, सब जंगल को कलम, सातों समंदर को स्याही बनाकर लिखने पर भी गुरु के गुण को नहीं लिखा जा सकता है।

भारत में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है

शिक्षक दिवस के दिन स्कूल, कॉलेज और इंस्टीट्यूट में पढ़ाई नहीं होती है। इस दिन सभी छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को फूलों का गुलदस्ता, डायरी आदि अनेक उपहार देते हैं। कुछ बच्चे अपने प्रिय शिक्षक की नक़ल करते हैं। कई छात्र शिक्षकों के सामने नृत्य – संगीत, नाटक आदि कार्क्रम भी प्रस्तुत करते हैं। कई जगह छात्र शिक्षकों से केक भी कटवाते हैं। स्कूल के बच्चे अपनी कक्षा को सजाते हैं। स्कूल और कॉलेज में छात्र टीचर्स डे पर भाषण, अपने गुरु के लिए शायरी, शिक्षक दिवस पर दोहे आदि भी सुनाते हैं और अपने शिक्षकों का दिल से धन्यवाद करते हैं।

 

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