वोटिंग खत्म होने के बाद अब सबकी नजरें पांच राज्यों में होने वाले वोटों की गिनती पर हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने किसी भी स्थिति में सरकार बनाने के लिए राज्य के नेताओं के साथ रणनीति बनाकर दोनों स्थितियों के लिए प्लान ए और प्लान बी तैयार किया है।
एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार की भविष्यवाणी के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे। पी। शुक्रवार को नड्डा ने चुनाव बाद की रणनीति तैयार करने के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेताओं से चर्चा की।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी भाजपा ने स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने के साथ-साथ अन्य पदों पर भी तैयारी शुरू कर दी है। यदि स्पष्ट बहुमत है तो प्लान ए तैयार है और यदि नहीं है तो प्लान बी तैयार है। कुछ एग्जिट पोल में कहा गया है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान बराबरी पर हैं। हालांकि, अगर नतीजों में टकराव हुआ तो मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधायकों को सरकार बनने तक असम और गुजरात भेजने की भी तैयारी की गई है।
राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन होगा?
- एग्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री तय करने की होगी।
- मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजकुमारी दीया कुमारी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
- अगर राजस्थान में भाजपा की सरकार कम बहुमत से बनती है तो भाजपा को सरकार चलाने और बचाने के लिए फिर से अनुभवी नेता वसुंधरा राजे की जरूरत पड़ेगी।
- अगर भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता है तो पार्टी नेता किसी को भी मुख्यमंत्री बना सकते हैं। महाराष्ट्र की तरह भाजपा राज्य में दो उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर सकती है।
इन नेताओं पर जिम्मेदारी
- असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल को इसके लिए तैयारी करने का निर्देश दिया गया है।
- दोनों राज्यों में जीत हासिल करने वाले निर्दलीय विधायकों और असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं से संपर्क किया जा रहा है।
- भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मध्य प्रदेश में जीत हासिल करने वाले असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं और निर्दलीय विधायकों की सूची सौंपी है।
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