उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए परेशानियां बढ़ सकती है। योगी सरकार ने एक नियम लागू किया है जिसके अंतर्गत उस कर्मचारी को अपनी कुछ पर्सनल सूचनाएं देनी होंगी। उत्तर प्रदेश सरकार ये सब सूचनाएं घोषणा पत्र में भरवाएगी। दरअसल सरकारी कर्मचारियों को अब ये ऐलान करना होगा कि अपनी शादी में दहेज लिया या नहीं।
विशेष कर के 31 अप्रैल 2004 के बाद विवाहित सभी सरकारी सेवकों को ये ऐलाननामा देना है। ऐलाननामा नहीं देने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाही भी होगी। 18 अक्टूबर तक सभी विभागों को घोषणा पत्र संकलित कर अपलोड करना है। शासन की ओर से जारी आदेश के बाद विभागों में बवाल मच गया है।
आपको बता दें कि महिला कल्याण उप्र लखनऊ के निदेशक ने सभी विभागाध्यक्षों को जारी लेटर में कहा है कि योगी सरकार की तरफ से दहेज प्रथा, जो कि एक सामाजिक बुराई है, को रोकने के उद्देश्य से यूपी दहेज प्रतिषेध नियमावली, 1999 को प्रख्यापित की गई है।
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च 2004 को यूपी दहेज प्रतिषेध नियमावली, 2004 प्रथम संशोधन जारी करते हुए नियमावली के नियम 5 में ये व्यवस्था की गई कि हर एक सरकारी सेवक अपने विवाह के वक्त ये उल्लेख करते हुए अपने नियुक्त अफसर को स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्रदान करेगा कि उसने अपनी शादी में कोई दहेज नहीं लिया है। इसी मामले में एकत्रित जानकारी/प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने को कहा गया है।