पुलवामा अटैक को दोहराने की साज़िश रच रहे थे आतंकी, PhD छात्र समेत 6 अरेस्ट

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नई दिल्ली ।। 30 मार्च को कश्मीर स्थित बनिहाल में CRPF के काफ़िले पर हुए हमले का मामला सुलझा लिया गया है। इस हमले को जमात-ए-इस्लामी के छात्र गुट ने अंजाम दिया था और इसकी साज़िश पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन हिज़्बुल मुजाहिदीन और जैश ने रची थी। राज्य पुलिस ने इस मामले में एक रिसर्च स्कॉलर समेत 6 आतंकियों को अरेस्ट किया है।

सभी आतंकियों को NIA को सौंपने की तैयारी की जा रही है। पीएचडी स्कॉलर हिलाल अहमद मंटू बठिंडा की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। वह जमात के स्टूडेंट विंग का सदस्य है। जम्मू के आईजी एमके सिन्हा ने मामले को सुलझाने का दावा करते हुए बताया कि 30 मार्च को बनिहाल में पुलवामा जैसा कार ब्लास्ट करके CRPF कॉनवाय पर हमला करने की कोशिश की गई। अगले ही दिन पुलिस ने इस कार को ब्लास्ट करने वाले ओवेस अमीन नाम के आत्मघाती हमलावर को पकड़ लिया था।

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बनिहाल में भी पुलवामा अटैक की ओर ही बड़ी क्षति पहुँचाए जाने की योजना थी लेकिन आतंकी कामयाब नहीं हो पाए। इस साज़िश के पीछे पाकिस्तानी आतंकी मुन्ना बिहारी का नाम सामने आया है। मामले की तेज़ जाँच के लिए सतर्क पुलिस ने एसआईटी का गठन कर दक्षिण कश्मीर के उमर शफी, शोपियाँ निवासी आकिब शाह, शाहिद वानी उर्फ वाटसन और पुलवामा स्थित चकोरा का रहने वाला वसीम अहमद डार उर्फ डॉक्टर को दबोचा।

पुलिस के अनुसार, मुन्ना बिहारी और हिज़्बुल आतंकी रियाज़ नायकु के कहने पर रईस और उमर ने ओवेस को आत्मघाती हमले के लिए तैयार किया था। इन्होंने मिलकर पुलवामा स्टाइल में ही कार को तैयार किया और फिर कार में विस्फोटक भी कर डाला। कार कहाँ से ली गई और आतंकियों ने विस्फोटक कहाँ से ख़रीदा, इस बारे में अभी तक कुछ ख़ुलासा नहीं हुआ है।

इस बार आतंकी संगठनों ने काफ़ी चालाकी से काम लिया था। हमले को अंजाम देने के लिए ऐसे लोगों के चयन किया गया, जिनके ख़िलाफ़ कोई केस दर्ज नहीं थी। पुलिस के शक से बचने के लिए ऐसे आतंकियों को इस साज़िश में शामिल नहीं किया गया, जो पहले से सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर थे।

फोटो- फाइल

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