लखनऊ। उत्तर प्रदेश में टीईटी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया हैं। बताया जा रहा हैं एक कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव संजय उपाध्याय और आरएसएम फिनसर्व लि. के निदेशक अनूप प्रसाद के बीच पुराने संबंध रहे हैं। बताया जा रहा हैं कि प्रश्नपत्र छपने का काम देने से पहले नोएडा के पांच सितारा होटल में संजय और अनूप के बीच मीटिंग भी हुई थी जिसमें एक बड़ी डील तय हुई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये डील कुल 13 करोड़ रुपये की थी। बताया तो ये भी जा रहा है कि काम देने से पहले न तो परीक्षा का काम लेने वाली कंपनी का टर्न ओवर देखा गया और न ही उसका सेटअप। वहीं दूसरी तरफ आरएसएम को छपाई का काम मिलने के बाद से ही प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले कई गिरोह सक्रिय हो गए थे।
बताया तो ये भी जा रहा है कि टीईटी पेपर लीक होने के मामले के तार मुजफ्फरनगर से भी जुड़ गए है। एसटीएफ के साथ ही अब जिले की पुलिस भी इस मामले से जुड़े एक आरोपित की तलाश कर रही हैं।
बता दें कि 28 नवंबर को प्रदेश में टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) का पेपर होना था लेकिन पेपर शुरू होने के पहले ही इसके लीक होने की खबर आ गयी जिससे पेपर कैंसिल कर दिया गया। इसके बाद एसटीएफ ने शामली में तीन युवकों को गिरफ्तार कर उनके पास से एक ओरिजनल, नौ फोटो स्टेट कापी और चार प्रवेश पत्र बरामद किए थे। वहीं इस केस के तार अब मुजफ्फरनगर जिले से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि एसटीएफ ने सोमवार की रात बागपत के बड़ौत के गांव छछरपुर निवासी दुकानदार राहुल चौधरी को अरेस्ट किया है जबकि उसके दो साथी किरठल निवासी फिरोज पुत्र सुलेमान और मुजफ्फरनगर के गांव शाह डब्बर निवासी बबलू उर्फ बलराम पुत्र किरणपाल फरार बताये जा रहे हैं। पुलिस की माने तो गिरफ्तार राहुल ने बताया है कि उसने पेपर बबलू उर्फ बलराम से खरीदा था।