रामनिवास शर्मा मेथिल
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में को कोविड- संक्रमित एक वृद्ध महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई इसके बाद महिला का शव लावारिस हालत में 6 दिन तक शव गृह में रखा रहा इसके बाद मसीहा बनकर आए एक मुस्लिम पत्रकार ने वृद्ध हिंदू महिला का अंतिम संस्कार किया है।
जिले में एक लावारिश महिला जो कोविड- से संक्रमित थी जिसका 6 दिनों से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा था क्योंकि उसका शव लेने ही कोई नहीं आया था ऐसे में शहर के ही एक पत्रकार मेराजुद्दीन उर्फ खान रिपोर्टर ने महिला के शव का 6 दिनों से अंतिम संस्कार नहीं हुआ था तो उन्होंने इस कार्य के लिए कुछ लोगों से निवेदन किया कि वह लोग उनका साथ दें और वृद्ध महिला का अंतिम संस्कार करवाया जा सके।
पत्रकार मेराज उद्दीन खान ने बताया कि महिला के अंतिम संस्कार के लिए उन्होंने कई लोगों से निवेदन किया परंतु कोई भी उनका साथ देने को तैयार नहीं हुआ तो ऐसे में उन्होंने खुद ही अकेले महिला का अंतिम संस्कार करने का निर्णय किया और सरकारी एंबुलेंस चालक बीरू से उन्होंने जब महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा तो वह भी तैयार हो गया और दोनों ने महिला के शव को एंबुलेंस में ले जाकर कॉविड प्रोटोकॉल के तहत श्मशान घाट पर महिला का अंतिम संस्कार कल मंगलवार को किया है।
मेडिकल कॉलेज की जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर पूजा त्रिपाठी ने प्रेस को बताया कि रैन बसेरा से एक महिला सुनीता देवी 70 को 5 अप्रैल को इमरजेंसी में लाया गया था जिसे तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी महिला का कोई भी टेस्ट नहीं हुआ था ऐसे में उसे होल्डिंग एरिया में भर्ती किया गया था।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उसका कॉविड टेस्ट किया गया जिसमें महिला संक्रमित निकली ।तब उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया ।इसके बाद इलाज के दौरान महिला की 29 अप्रैल को मौत हो गई थी इसके बाद जब महिला का कोई शव लेने नहीं आया तो पुलिस को सूचना दी गई थी। मेडिकल कॉलेज के चौकी प्रभारी छीतरमल गौतम ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से पूरा प्रयास किया था परंतु महिला के परिजनों का पता नहीं लग पाया था इसलिए 6 दिन से इसका शव शव गृह में रखा हुआ था।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के शहर प्रबंधक दीपक मौर्य ने बताया कि शहर का रैन बसेरा उनके कार्यालय के पास है उन्हें सूचना मिली कि एक महिला रैन बसेरा में काफी बीमार है उन्होंने सहानुभूति के तौर पर महिला को एंबुलेंस बुलाकर 5 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में भेज दिया था महिला कहां की है यह जानकारी उन्हें नहीं है और हां मरीज भर्ती कराने वाले में उनका नाम अंकित किया गया है।
मेराजुद्दीन उर्फ खान रिपोर्टर ने 20 अप्रैल को शाहजहांपुर जनपद के पुबाया क्षेत्र की रहने वाली सुदामा देवी 60 का भी अंतिम संस्कार उनकी 18 वर्षीय बेटी मंजू से करवाया था इस मामले में मृतक की बेटी मंजू ने रिपोर्टर से कहा था कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह मां का अंतिम संस्कार कर सकें ऐसे में खान ने पैसों की व्यवस्था की और मृतक की बेटी को ले जाकर उससे ही मृतका को मुखाग्नि दिलवाई थी जिसकी काफी प्रशंसा हो रही है।