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Up Kiran, Digital Desk: दोस्तों, आज की दुनिया में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' यानी AI एक ऐसा शब्द बन गया है जिसे सुनकर कुछ लोग डरते हैं तो कुछ भविष्य में बड़े अवसरों की तलाश करते हैं. अच्छी खबर यह है कि भारत के लिए AI 'डराने वाला' नहीं, बल्कि 'नए अवसर' लाने वाला साबित हो रहा है. एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक भारत की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) वर्कफोर्स (Global Capability Center Workforce) लगभग दोगुनी हो जाएगी, और इस तेज़ी का सबसे बड़ा कारण AI और उससे जुड़ी तकनीकें होंगी! यह हमारे देश के लिए, खासकर उन लोगों के लिए जो तकनीक से जुड़े हैं, एक बहुत बड़ी खुशखबरी है.

क्या है यह GCC वर्कफोर्स और क्यों बढ़ेगी इतनी तेज़ी से?

सबसे पहले समझते हैं कि GCC क्या हैं. GCC एक तरह के कॉर्पोरेट सेंटर होते हैं जो विदेशी कंपनियों के लिए भारत में उनके व्यापारिक संचालन, तकनीक, अनुसंधान और विकास (R&D) या अन्य प्रक्रियाओं को संभालते हैं. ये केंद्र बहुत हाई-प्रोफाइल और स्किल्ड जॉब्स (Skilled Jobs) पैदा करते हैं.

यह अनुमान लगाया गया है कि वर्तमान में यह वर्कफोर्स 1.8 मिलियन (18 लाख) है, जो 2030 तक बढ़कर 3.46 मिलियन (लगभग 34.6 लाख) हो जाएगी! अब इतनी तेज़ बढ़ोतरी क्यों? इसके कुछ खास कारण हैं:

  1. AI का जादू: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (Machine Learning) जैसी तकनीकें इन GCCs में काम करने के तरीके को बदल रही हैं. AI से डेटा विश्लेषण (Data Analysis), ऑटोमेशन (Automation) और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे कामों में क्रांति आ रही है, और इन नए कामों के लिए कुशल लोगों की भारी ज़रूरत होगी.
  2. भारत की क्षमता: भारत के पास इंजीनियरों, डेटा वैज्ञानिकों और तकनीक विशेषज्ञों का एक बड़ा पूल है, जो इस नई AI-संचालित दुनिया के लिए एकदम फिट हैं.
  3. वैश्विक मांग: दुनिया भर की कंपनियाँ अपने संचालन को तेज़ी से डिजिटाइज़ कर रही हैं और AI को अपना रही हैं, जिसके लिए वे भारत के GCCs पर बहुत निर्भर हैं.
  4. निवेश में बढ़त: विदेशी कंपनियाँ भारत में अपने GCCs का तेज़ी से विस्तार कर रही हैं और इसमें भारी निवेश कर रही हैं.

नौकरियों का नया चेहरा और अवसर

इस तेज़ी का मतलब सिर्फ़ नौकरियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं है, बल्कि नौकरियों की प्रकृति में भी बदलाव आएगा. अब पारंपरिक आईटी जॉब्स की जगह, हमें AI एक्सपर्ट (AI Expert), डेटा साइंटिस्ट (Data Scientist), मशीन लर्निंग इंजीनियर (Machine Learning Engineer), AI रिसर्चर्स (AI Researchers), ऑटोमेशन एक्सपर्ट्स (Automation Experts) और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों (Cyber Security Experts) जैसे प्रोफाइलों की ज़्यादा ज़रूरत होगी.

तो आपको क्या करना चाहिए?

अगर आप भी इस तेज़ी का फायदा उठाना चाहते हैं, तो समय आ गया है कि आप अपने स्किल्स को अपडेट करें! AI और डेटा साइंस से जुड़े नए कोर्सेज करें, नई तकनीकें सीखें और खुद को भविष्य के लिए तैयार करें. भारत का टैलेंट पूल और AI का संगम, यह सचमुच हमारे देश के लिए आर्थिक विकास और नए अवसरों का एक सुनहरा दौर लाने वाला है.

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