वॉशिंगटन, 07 अक्टूबर यूपी किरण। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि कोरोना संकट के बादल छट रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था करवट ले रही है। जो स्थिति चार महीने पहले थी, उससे आज बेहतर है।
सुश्री क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने मंगलवार को कहा कि बीते वसंत में जब 85 प्रतिशत वैश्विक आर्थिक गतिविधियां लाॅकडाउन में थीं, तब विश्व इकाॅनमी को कोरोना ‘ग्रहण’ लग गया था। उन्होंने संकेत दिया कि अगले सप्ताह आईएमएफ की बैठकों में कम आय वाले देशों के ऋण से निपटने और अमीर देशों को कर्ज देने की बजाय गरीब देशों को अधिकाधिक अनुदान के रूप में सहायता उपलब्ध कराने पर विचार होगा।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट के दौर से वापस आ रही है। लेकिन यह आपदा खत्म नहीं हुई है।अभी सभी देश इस चुनौती से जूझ रहे हैं कि वे एक लंबी दुर्गम चढ़ाई को कैसे सुगमता से पार करें, जबकि असमान धरातल है, अनिश्चिताएं बनी हुई हैं। फिर उसमें जोखिम एवं असफलताओं का भी खतरा है।”
जॉर्जीवा ने कहा कि उन्हें ख़ुशी है कि विभिन सरकारों ने अपनी-अपनी इकाॅनमी में सुधार के लिए कुल क़रीब 12 खरब डॉलर व्यय किए हैं। इससे लाखों कंपनियों को कारोबार में बने रहने और मंदी रोकने में मदद मिली है, लेकिन अमीर और गरीब देशों के बीच की खाई को कम नहीं किया जा सका है।