बेंगलुरू।। कोरोना महामारी के बीच जूझ रही जनता के हालात को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने किसानों, फूल उत्पादकों, धोबी (वाशरमेन), नाई, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए बुधवार को 1,610 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। इन सेक्टरों के लोग कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी बंद से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
कर्नाटक सरकार (#Karnataka_Govt) ने लॉकडाउन (Lockdown 3.0) के चलते छोटे कारोबारियों के लिए 1,610 करोड़ रुपये के राहत पैकेज (Relief Fund) का ऐलान किया है। इसी के साथ कर्नाटक सरकार ने 11 फीसदी एक्साइज ड्यूटी वृद्धि की भी घोषणा की, जो बजट में घोषित 6 फीसदी ड्यूटी के अतिरिक्त होगी। कर्नाटक सरकार का यह राहत पैकेज किसानों, MSME, हथकरघा बुनकरों, फूलों की खेती करने वालों के अलावा धोबी, नाई, ऑटो और टैक्सी चालकों के लिये है।
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के अनुसार, समाज के हर तबके के लोग पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा समय से लागू लॉक-डाउन के चलते आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। फूलों की खेती करने वालों के फूल डिमांड न होने के चलते बर्बाद हो चुके हैं। अनुमान है कि फूलों की खेती राज्य के लगभग 11,687 हेक्टेयर में होती है।
फूलों की खेती करने वालों की दिक्कतों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने उन्हें फसलों के नुकसान के लिए प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है। यह एक किसान के लिए अधिकतम 1 हेक्टेयर तक ही सीमित रहेगा। इसके अतिरिक्त सब्जी और फल उगाने वाले किसान अपनी उपज को लेकर बाजार जाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए सरकार ने उनके लिए भी राहत पैकेज का ऐलान किया है।
कोविड-19 के चलते सर्विस प्रोफेशनल्स जैसे नाई और धोबियों का धंधा शहरी और ग्रामीण दोनों ही इलाकों में प्रभावित हुआ है। ऐसे में कर्नाटक सरकार ने पैकेज के तहत लगभग 2,30,000 नाइयों और करीब 60,000 धोबियों को एकबारगी मुआवजे के तौर पर 5,000 रुपये प्रति व्यक्ति की मदद देने का फैसला किया है। इसी तरह लगभग 7,75,000 ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों को भी 5,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए दो महीने तक का फिक्स बिजली का बिल माफ कर दिया जायेगा।