इस बार जैसलमेर सीमा पर जवानों के साथ दीपावली मनाने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जुन टैंक (Hunter Killer) पर सवारी की थी, तभी लम्बे समय से लंबित चले आ रहे अर्जुन एमके-1ए टैंक के जल्द ही पूरा होने के संकेत मिले थे, क्योंकि उन्होंने ‘लोकल फॉर वोकल’ का साफ संदेश भी दिया था। अर्जुन टैंक पूरी तरह से भारत में निर्मित युद्धक टैंक है। पहली बार 2004 में अर्जुन टैंक को भारतीय सेना में शामिल किया गया था। मौजूदा समय में सेना के पास 124 अर्जुन टैंक हैं, जिन्हें जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया गया है।
अर्जुन टैंक (Hunter Killer) का इस्तेमाल करने के दौरान सेना को कई तरह के अनुभव हासिल हुए। इनके आधार पर सेना ने इसके उन्नत वर्जन के लिए कुल 72 तरह के सुधारों की मांग की। डीआरडीओ ने सेना के सुझावों को शामिल करते हुए हंटर किलर टैंक तैयार किया। मार्च में पोकरण में ही किए गए परीक्षणों में यह खरा उतरा और 118 टैंक खरीदने का ऑर्डर मार्च में तैयार कर लिया था लेकिन सेना ने इस टैंक में कुछ और सुधार की मांग की थी। इसके बाद डीआरडीओ ने करीब 14 नए फीचर्स को टैंक में शामिल किया।
डीआरडीओ ने और सुधार करके 4 टैंक तैयार किए। इसके बाद भारतीय सेना और डीआरडीओ ने संयुक्त रूप से पिछले माह पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में पूरी तरह से स्वदेशी उन्नत युद्धक टैंक अर्जुन (Hunter Killer) मार्क-1ए का परीक्षण किया। इस दौरान सैन्य विशेषज्ञों के साथ डीआरडीओ में इसे तैयार करने वाले विशेषज्ञ भी मौजूद थे। परीक्षण के दौरान अर्जुन मार्क-1ए टैंक सभी मानकों पर एकदम खरा उतरा, जिसके बाद इसके सेना में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
अपग्रेडेशन के बाद डीआरडीओ का दावा है कि इतने सुधारों के बाद यह टैंक (Hunter Killer) अपने आप में परिपूर्ण है और दुनिया के किसी भी बेहतरीन टैंक से किसी मायने में कम नहीं है। अर्जुन एमके-1ए में पिछले मॉडल अर्जुन मार्क-1 टैंक के मुकाबले कुल 72 अपग्रेडेशन किए गए हैं, जिसमें 14 महत्वपूर्ण और 58 सूक्ष्म सुधार शामिल हैं।
डीआरडीओ के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अब कुल 118 नए टैंक बनाए जाएंगे। भारतीय सेना अब इस टैंक की दो और रेजीमेंट बनाने वाली है जो अगले छह महीनों में सेना में शामिल कर ली जाएंंगी। प्रत्येक रेजीमेंट में 59 अर्जुन टैंक होंगे। 16 साल पहले सेना में शामिल किए गए 124 ‘अर्जुनों’ की तुलना में मार्क-1ए टैंक में बेहतर मारक क्षमता, गतिशीलता और सुरक्षा है। एक रक्षा वैज्ञानिक के अनुसार प्रत्येक मार्क-1ए टैंक की कीमत 54 करोड़ रुपये होगी।
नए उन्नत वर्जन में इसकी फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया गया है। साथ ही इसमें एकदम नई तकनीक का ट्रांसमिशन सिस्टम लगाया गया है। यह टैंक अपने लक्ष्य को स्वयं तलाश करने में सक्षम है। यह स्वयं तेजी से आगे बढ़ते हुए दुश्मन के लगातार हिलने वाले लक्ष्यों पर भी सटीक प्रहार कर सकता है।
टैंक (Hunter Killer) में कमांडर, गनर, लोडर व चालक का क्रू होगा। इन चारों को यह टैंक युद्ध के दौरान भी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगा। टैंक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि रणक्षेत्र में बिछाई गई माइंस को साफ करते हुए आसानी से आगे बढ़ सकता है। कंधे से छोड़ी जाने वाले एंटी टैंक ग्रेनेड और मिसाइल का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
इसके अलावा केमिकल अटैक से बचाने के लिए Hunter Killer में विशेष तरह के सेंसर लगे हैं। केमिकल या परमाणु बम के विस्फोट की स्थिति में इसमें लगा अलार्म बज उठेगा। साथ ही टैंक के अंदर हवा का दबाव बढ़ जाएगा ताकि बाहर की हवा अंदर प्रवेश न कर सके। क्रू मेंबर के लिए ऑक्सीजन के लिए बेहतरीन फिल्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा इसमें कई नए फीचर्स शामिल किए गए हैं, जो इस टैंक को न केवल बेहद मजबूत बनाते हैं बल्कि सटीक प्रहार करने में इसका कोई सानी नहीं है।(Pm Narendra Modi)