यूक्रेन। जब बात अपनी जान बचाने की आती है कोई भी कुछ भी कर सकता है क्योंकि हर किसी को अपने जाना बेहद प्यारी होती है। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने अपनी जान बचाने के लिए 225 किलोमीटर तक का रास्ता पैदल तय किया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस शख्स का नाम इगोर पेडिन है और इनकी उम्र 61 साल है। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि इगोर को रास्ते में कई बार अपनी जान बचाने के लिए दूसरे देश के सैनिकों से भी बचना पड़ा। इगोर खुद तो 225 किलोमीटर पैदल चले ही। साथ ही उनका नौ साल का कुत्ता ‘झू-झू’ भी उनके साथ पैदल चला।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इगोर पेडिन ने मारियुपोल से जपोरिज़िया तक यात्रा पैदल तय की। इगोर ने यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद 20 अप्रैल को ही मारियुपोल को छोड़ने का फैसला कर लिया था। उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत ये थी कि वे अपने कुत्ते को अपने साथ कैसे ले जाएं? इसके बाद 23 अप्रैल की सुबह 6 बजे उन्होंने मारियुपोल पोर्ट के पास स्थित अपने घर को छोड़ दिया। इगोर ने बताया वह सड़क पर आवारा की तरह घुमते चल रहे थे। उनकी शुरुआती लक्ष्य ये था कि वह किसी भी तरह से 20 किलोमीटर दूर स्थित निकोलस्के शहर पहुंच जाएं।
इस दौरान रास्ते में उन्हें कुछ रूसी सैनिक भी मिले। उन्होंने उनसे पूछा कि कहां जा रहे हो?तो इगोर ने उनसे झूठ बोला और कहा कि उनके पेट में दर्द है। ऐसे में वे इलाज के लिए जपोरिज़िया जा रहे हैं। जपोरिज़िया में इलाज के लिए उन्होंने पैसा जमा किया है लेकिन रूसी सैनिकों ने उनकी बात पर भरोसा नहीं किया और उनको रोककर उनकी जांच की गई, फिर वह यहां से निकले और रोजविका पहुंचे। रोजविका से वह Verzhyna नाम के गांव पहुंचे।
The invisible Ukrainian who walked 225km to safety from Mariupol https://t.co/RWC5H5zxd2
— The Guardian (@guardian) May 13, 2022
रिपोर्ट में बताया गया है कि कई जगह पर उनकी जांच हुई। कई जगह रूसी सैनिकों ने उनको रोका। एक रात तो उन्हें कुर्सी पर ही सोकर बितानी पड़ी। इस दौरान उनका कुत्ता झू-झू उनके कोट में ही सोया। इसके बाद जब वे जपोरिज़िया पहुंचे और वहां कि एक महिला को बताया कि वो मारियुपोल से पैदल सफर तय करके यहां पहुंचे हैं। यह सुनकर वह चिल्ला पड़ी, उसने कई लोगों को अपने पास बुलाया और उनके संघर्ष की कहानी बताई। इगोर ने बताया कि 3 मार्च को मारियुपोल में रूसी सैनिकों ने उनके बेटे की हत्या कर दी थी। इसी कि बाद उन्होंने मारियुपोल छोडने का फैसला लिया।