प्रतापगढ़। आपने अब तक किसी इंसान की मौत होने पर अंतिम संस्कार और तेरहवीं कार्यक्रम किये जाने के बारे में देखा और सुना होगा लेकिन उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जिले में एक मुर्गे की तेरहवीं कार्यक्रम का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि प्रतापगढ़ में मुर्गे की मौत के बाद जब उसके मालिक ने उसका अंतिम संस्कार कर तेरहवीं भोज का आयोजन किया तो हर कोई हैरान रह गया। इस मुर्गे का नाम लाली था जिसकी मौत के बाद विधिवत उसका अंतिम संस्कार किया गया था और 13 दिन बाद उसका तेरहवीं कार्यक्रम किया गया। इस मौके पर मालिक ने 500 ग्रामीणों को भोज कराया गया।
मामला प्रतापगढ़ जिले के फतनपुर थानाक्षेत्र के बेहदौल कला गांव का है। यहां रहने वाले डॉ. शालिकराम सरोज अपनी क्लिनिक चलाते हैं। घर पर उन्होंने बकरी और एक मुर्गा पाल रखा है। उन्होंने मुर्गे का नाम लाली रखा था और घर के सब लोग उसे खूब प्यार करते थे। बीते 8 जुलाई को एक कुत्ते ने डॉ. शालिकराम की बकरी के बच्चे पर हमला कर दिया यह देख लाली कुत्ते से भिड़ गया।
इस घटना में बकरी का बच्चा तो बच गया लेकिन लाली कुत्ते के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया और और नौ जुलाई को उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसके शव को घर के पास ही दफना दिया गया। इसके बाद डॉ. शालिकराम ने रीति-रिवाज से मुर्गे की तेरहवीं की। इस दौरान अंतिम संस्कार से जुड़े सभी कर्मकांड किये गए। लोगों ने सिर मुंडवाए और तेरहवीं में 500 से अधिक लोगों ने भोजन किया।