सिर पर थी 2 साल के बच्चे की जिम्मेदारी, फिर भी IAS बनकर बढ़ाया मान

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किसी भी कठिन स्थिति को प्राप्त करने के लिए कुछ कठिनाइयाँ हमेशा आती हैं। किसी को आर्थिक तंगी के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो किसी को अपने परिवार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि परिवार के किसी सदस्य के लिए आईएएस बनना सबसे कठिन होता है। क्योंकि एक घरेलू महिला के लिए अपने परिवार की देखभाल करना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि एक आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करना है। कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो परिस्थितियों के सामने हार मान लेती हैं। तो कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो रास्ते में चाहे कितनी भी मुश्किलों का सामना क्यों न करें, उनका डटकर सामना करती हैं।

भारत में बहुत कम महिलाएं हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कभी हार नहीं मानती हैं। आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए काफी मेहनत की है। आपको बता दें कि हम जिस महिला की बात कर रहे हैं उसका एक 2 साल का बच्चा भी है। इस महिला ने अपने बच्चे की भी देखभाल की और साथ ही अपने सपने को साकार किया। आज हम अपने लेख के माध्यम से आपको इस महिला के बारे में बताएंगे कि कैसे उन्होंने अपनी मुश्किलों का सामना किया और अपने बच्चे को आईएएस अधिकारी बनाया।

आईएएस बनने के लिए स्टेट बैंक में मैनेजर की नौकरी छोड़ी देश के लिए कुछ करने की बोली
हम जिस महिला की बात कर रहे हैं उसका नाम पुष्पलता है। पुष्पलता ने 2018 आईएएस परीक्षा में 89वीं रैंक हासिल की थी। पुष्पलता ने जब आईएएस की परीक्षा दी तो उनका 2 साल का एक छोटा बच्चा भी था। बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी भी पुष्पलता के कंधों पर थी। भारत में बैंक की नौकरी सबसे आरामदेह नौकरी मानी जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पुष्पलता आईएएस बनने से पहले भारतीय स्टेट बैंक में सबसे बड़े पद पर कार्यरत थीं. जी हां, आपने सही समझा, पुष्पलता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर के पद पर थीं।

पुष्पलता ने एक दिन सोचा कि मुझे देश के लिए कुछ करना है, इसी को ध्यान में रखते हुए पुष्पलता ने आईएएस अधिकारी बनने का फैसला किया। आपको बता दें कि पुष्पलता ने साल 2016 में अपनी सरकारी स्टेट बैंक की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। बैंक की नौकरी छोड़ने के 3 साल बाद पुष्पलता ने IAS की परीक्षा पास की। इन तीन वर्षों में पुष्पलता ने लोगों के ताने सुने कि आपने इतनी अच्छी सरकारी नौकरी क्यों छोड़ दी। उस समय पुष्पलता ने किसी से कुछ नहीं कहा, लेकिन जिस दिन पुष्पलता को आईएएस अधिकारी के रूप में चुना गया, लोगों को इसका जवाब अपने आप मिल गया। एक आईएएस अधिकारी का काम सिर्फ नौकरी नहीं बल्कि एक भावना है और यही भावना पुष्पलता की शक्ति थी।

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