इन महसागरों के मिलन को देख कर पूरी दुनिया हैरान, लेकिन हकीकत है कड़वी

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अक्सर हम सब ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो या तस्वीर देखी होगी, जिसमें एक समंदर दूसरी नदी में मिल रहा है. कई बार इसको लोग अलग-अलग तथ्य से जोड़ कर देखते आएं है लेकिन इसकी हकीकत कुछ अलग ही है. बता दें कि नॉर्थ अमेरिका से सटी हुई Gulf of Mexico यानि मेक्सिको की खाड़ी में जब मिसिसिप्पी नदी समंदर के खारे पानी से मिलती है, तो समंदर के काफी बड़े हिस्से में एक चौंकाने वाला नजारा सामने आता है, क्योंकि यहां नदी और महासागर का पानी एक दूसरे से बिल्कुल अलग रंग का दिखता है।


लेकिन जब इस पानी को मिलते हुए जो नज़ारा पैदा होता है, तो देखकर तमाम लोग सोचते हैं कि यह पानी आपस में मिक्स ही नहीं पा रहा है। यह नजारा देखकर कई बार लोग दंग रह जाते हैं। Marlin Magazine द्वारा यूट्यूब पर जारी किए गए इस वीडियो में समंदर के पानी का यह अजीबोगरीब मिजाज आप खुद भी देख सकते हैं।

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अब सवाल उठता है कि क्या सच में पानी एक दूसरे में मिल नहीं पाते है? तो जवाब है कि जब कई लोग तो यह मानते रहे हैं कि यहां नदी और समंदर का पानी आपस में नहीं मिल पाता है और इसी कारण पानी की ऊपरी सतह पर एक दीवार सी नजर आती है। वास्तव में अलग अलग रंगों वाले पानी का यह द्रश्य हमेशा एक समान नहीं रहता। इसका क्षेत्र और आकार साल दर साल बदलता रहता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक मेक्सिको की खाड़ी में मिसिसिप्पी नदी का पानी पूरी तरह से मिल जाता है, लेकिन पानी की सतह के ऊपर ऐसा नजारा क्यों दिखता है। इसके पीछे की असली वजह काफी दिलचस्प लेकिन भयावह है। बता दें कि मेक्सिको की खाड़ी से गुजरने वाले जहाजों से ये नजारा आसानी से देखा जा सकता है।

इंसानी हरकतों के कारण दिखता है अलग-अलग रंग वाला पानी

ऊपर दिए वीडियो को देखकर शायद आप सोच रहे होंगे कि यहां नेचर ने क्या शानदार नजारा पेश किया है। तो आपको बता दें कि यह नजारा हमारी मदर नेचर ने नहीं बल्कि इंसानी हरकतों ने पैदा किया है। नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल मिसिसिप्पी नदी जब नार्थ अमेरिका के तमाम शहरों और गांवों से होकर गुजरती है, तो भारी मात्रा में सीवेज से लेकर खेती में इस्तेमाल किए गए कीटनाशक, जैविक पदार्थ, नाइट्रोजन और फॉसफोरस आदि सबकुछ नदी के पानी में मिलता चला जाता है।

जब भारी तलछट लिए हुए मिसिसिप्पी नदी का यह पानी मेक्सिको की खाड़ी में गिरता है, तो यहां के पानी में एक तरह का समुद्री शैवाल ‘phytoplankton’ भारी मात्रा में पैदा होने लगता है। यह खतरनाक शैवाल पानी की ऊपरी सतह पर तैरता रहता है, जिसके कारण एक तरफ तो समंदर के बड़े क्षेत्र में पानी का रंग काफी मटमैला और गंदा नजर आता है और दूसरी ओर इस शैवाल के कारण पानी का वो क्षेत्र ‘Dead Zone’डेड जोन बन जाता है। समंदर का यह ‘डेड जोन’ क्षेत्र कई तरफ से समंदर के खारे नीले पानी से घिरा होता है। ऐसे में वहां दो अलग अलग रंगों वाले पानी का अजीबोगरीग नजारा दिखाई पड़ता है।

क्या है समंदर का ‘डेड जोन’?

अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेयरिक एडमिनिस्ट्रेशन NOAA की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक मेक्सिको की खाड़ी में मिसिसिप्पी नदी के मिलन बिंदु के आसपास बना समंदर का डेड जोन इस साल बढ़कर 7,829 वर्ग मील क्षेत्र को कवर कर सकता है। यानि इस क्षेत्र में रहने वाली मछलियों और तमाम जलीय जीवों की जिंदगी खत्म होने के कगार पर है। बता दें कि समंदर के डेड जोन से मतलब पानी के उस क्षेत्र से है, जहां ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो जाने से वहां जलीय जीव बेमौत मर सकते हैं। ऊपर दी गई सैटेलाइट इमेज दिखा रही है कि मेक्सिको की खाड़ी में गहरे पीले से लेकर आसमानी रंग वाला क्षेत्र कितना बड़ा डेड जोन बना रहा है। यह ‘डेड जोन’ अपने पानी के रंग से लोगों को सिर्फ चौंका नहीं रहा, बल्कि अपने खतरनाक असर से दुनिया को डरा भी रहा है।

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