फिर शुरू हुआ लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन, घटने लगा गंगा-यमुना का जलस्त

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Prayagraj :  संगम नगरी में गंगा और यमुना नदियों का जलस्त घटने लगा है। इसी के साथ संगम तट स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के कपाट फिर श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन के लिए खोल दिए गए हैं। लगभग एक पखवारे बाद मंदिर खुलने पर आज श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नज़र आई। हालांकि मंदिर के गर्भ गृह में अभी थोड़ा पानी भरा हुआ है, इसलिए श्रद्धालुओं को गर्भ गृह के बाहर से ही दर्शन पूजन की इजाजत दी गई है।

प्रयागराज में गंगा और यमुना कई दिनों तक खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। ज़बरदस्त बाढ़ के चलते संगम स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर को अपनी आगोश में ले लिया था। दो हफ्ते पहले पानी ज़्यादा बढ़ने पर मंदिर को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। दिलचस्प है कि प्रयागवासी इसके लिए मनौतियां भी मनाते हैं।

दो सप्ताह बाद बाढ़ का पानी घटने के बाद मंदिर कैंपस की सफाई की गई और मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस मौके पर मौजूद श्रद्धालु भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए। हालांकि मंदिर के गर्भ गृह में अभी थोड़ा पानी भरा हुआ है, इसलिए श्रद्धालुओं को गर्भ गृह के बाहर से ही दर्शन पूजन की इजाजत दी गई है।

उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में संगम तट पर स्थित इस मंदिर में लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा है। मान्यता है कि मां गंगा गर वर्ष हनुमान जी को नहलाती हैं। यदि किसी साल मंदिर तक गंगा जी नहीं आई तो उस साल किसी अनिष्ट की संभावना रहती है। इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं।

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