पंजाब में किसान आंदोलन हथियाने के लिए राजनीतिक पार्टियों में होड़

img

पंजाब में केंद्रीय कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहा किसान आंदोलन अब राजनीतिक हाथों में जाता नज़र आ रहा है। इसकी आड़ में विभिन्न राजनीतिक दल अपनी सियासी रोटियां सेंकने में जुट गए हैं। इस बहाने इन सभी की नजरें साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं।

Farmer

पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी 2 अक्टूबर को पंजाब में कृषि कानूनों के विरुद्ध ट्रैक्टर रैली करने की तैयारी में है। आज से अकाली दल ने किसान आंदोलन को सिख धार्मिक स्थानों के साथ जोड़ कर ‘ हल्ला -बोल ‘ के नाम पर अपना आंदोलन सक्रिय रूप से शुरू कर दिया है। अकाली दल ने अपना आंदोलन तीन सिख धार्मिक तख्तों से शुरू किया है जबकि आम आदमी पार्टी ने ग्रामीण स्तर पर ग्राम सभाएं शुरू करके कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर अपनी राजनीतिक पैतरेबाजी शुरू कर दी है।

दरअसल, सभी पार्टियों की नजर वर्ष 2022 के शुरुआती महीनों में होने वाले विधान सभा चुनाव पर है। पंजाब में इस वक्त सबसे ज्यादा परेशान कृषि वैज्ञानिक हैं, जो किसानों के दिशाहीन होने से परेशान हैं। इनमें पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना के वैज्ञानिक और पूर्व उपकुलपति भी शामिल हैं परन्तु वर्तमान माहौल में कुछ बोलने से गुरेज कर रहे हैं। गुप्तचर एजेंसियां इस बात से परेशान हैं कि कही पंजाब फिर से आतंकवाद की तरफ न मुड़ जाए।

अतीत में पंजाब में आतंकवाद पनपने का आगाज़ भी किसान आंदोलन के राजनेताओं के हाथों में जाने और फिर कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों के हाथों में जाने से शुरू हुआ था और पाकिस्तान ने उसका बेजा तरीके से फायदा उठाया था। तकरीबन वैसे ही हालात अब पंजाब में एक बार फिर बन रहे हैं। पाकिस्तान की तरफ से खालिस्तान को समर्थन देने के लिए हथियार और मादक पदार्थों की खेप लगातार भेजी जा रही है।

पंजाब में राजनीतिक दलों में भी किसान आंदोलन को खींचने की होड़ लगी हुई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी 2 अक्टूबर को पंजाब और हरियाणा में आने की तैयारी में है। कांग्रेस राहुल गांधी के पंजाब, हरियाणा कार्यक्रम को आज आधिकारिक रूप से जारी करेगी। कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने राहुल गाँधी के पंजाब दौरे को लेकर बैठक भी की और हरियाणा में भी कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई है।

अकाली दल द्वारा भी अपने आंदोलन की शुरुआत धार्मिक स्थानों से की जा रही है। सुखबीर सिंह बादल आज सुबह श्री हरिमंदिर साहिब में पहुंचे और फिर अमृतसर के भंडारी पुल से आंदोलन की शुरुआत कर दी। वह मार्च निकाल रहे हैं, जो चंडीगढ़ में दाखिल होगा। हालांकि इस मार्च को रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने तैयारियां कर रखी हैं। अकाली दल का दावा है कि उसके आंदोलन में दो लाख लोग शामिल होंगे।

 

Related News