रूस के विरूद्ध मतदान के लिए पाक पर था दबाव इमरान बोले- क्या भारत को भी लिखा लेटर

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पाक PM इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा वोटिंग में यूक्रेन के विरूद्ध रूस की आक्रामकता की निंदा करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालने की बात कही है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, यूएई ने भाग नहीं लिया था। इमरान ने इस दबाव के लिए इस्लामाबाद स्थित पश्चिमी राजदूतों को फटकार लगाई है।

IMRAN KHAN

एक संबोधन में इमरान खान ने 22 राजनयिक मिशनों के प्रमुखों की ओर से जारी संयुक्त पत्र के जवाब में कहा कि पाकिस्तान पश्चिम का गुलाम नहीं है, जिसमें पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह किया गया था।

उन्होंने कहा कि मैं यूरोपीय संघ के राजदूतों से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने भारत को ऐसा लेटर लिखा था 1 मार्च को जर्मनी और फ्रांस समेत पाकिस्तान में कई विदेशी मिशनों के प्रमुखों ने 25 फरवरी के यूएनएससी प्रस्ताव को लेकर संयुक्त पत्र लिखा था। राजनयिकों के अनुसार, पत्र को सार्वजनिक रूप से जारी करने का कदम दुर्लभ था।

जानें किन देशों के राजदूतों ने हस्ताक्षर किए

लेटर पर ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, इटली, पुर्तगाल, पोलैंड, रोमानिया, स्पेन, स्वीडन, नीदरलैंड, जापान, नॉर्वे और स्विटजरलैंड के राजदूतों ने हस्ताक्षर किए थे। पाक में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने कहा कि प्रस्ताव का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करना था।

इसके अलावा यूक्रेन के विरूद्ध रूस की आक्रामकता की कड़ी निंदा करना भी मकसद था। मालूम हो कि जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर विशेष सैन्य अभियान को मंजूरी दी तो इमरान खान मॉस्को की यात्रा पर थे, जिसकी काफी आलोचना हुई। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर मतदान से पाकिस्तान ने परहेज किया।

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