ऋषिकेश। उत्तराखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में एक और नया आयाम मिलने जा रहा है। राज्य 12 नए हाइड्रो प्रोजेक्ट शुरू किये जायेंगे। इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 3 हजार मेगावाट होगी। लगभग 20 हजार करोड़ की लागत से लगने वाली परियोजनाओं के लिए टीएचडीसी को प्रदेश सरकार ने सैद्धांतिक सहमति मिल गई है।
नए हाइड्रो प्रोजेक्टों के निर्माण में टीएचडीसी 75 प्रतिशत और 25 प्रतिशत खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। खास बात यह कि परियोजनाओं पर 100 प्रतिशत अधिकार प्रदेश सरकार का होगा। मंगलवार को टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव विश्नोई ने पत्रकारवार्ता में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रस्तावित हाइड्रो प्रोजक्ट को सरकार से हरी झंडी मिल गई है। परियोजनाओं का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। इसके लिए प्रदेश सरकार और टीएचडीसी के बीच करार भी हो चुका है। जल्द चरणबद्ध तरीके से प्रोजेक्ट पर कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। परियोजनाओं से प्रदेश सरकार का पूरा अधिकार रहेगा।
कुमाऊं और गढ़वाल में शुरू होने वाले हाइड्रो प्रोजेक्ट
नदी घाटी परियोजना नदी
धौलीगंगा घाटी चुंगरचाल 240 मेगावाट धौला गंगा
धौलीगंगा घाटी चुंगरचाल 240 मेगावाट धौला गंगा
धौलीगंगा घाटी सेला उर्थिंग 230 मेगावाट धौली गंगा
धौलीगंगा घाटी उर्थिंग सोबला 340 मेगावाट धौलीगंगा
गौरी गंगा गौरीगंगा द्वितीय एवं तृतीय 135 मेगावाट
अलकनंदा घाटी बगोली एचईपी 111 मेगावाट पिंडर
अलकनंदा घाटी नंदप्रयाग लंगासू 100 मेगावाट अलकनंदा
टोंस घाटी आराकोट त्यूनी 70 मेगावाट पाबर
टोंस घाटी त्यूनी पलासू 42 मेगावाट टोंस
टोंस घाटी मोरी हनोल 63 मेगावाट टोंस
टोंस घाटी हनोल त्यूनी 50 मेगावाट टोंस
टोंस घाटी किसाऊ 660 मेगावाट टोंस