ये हैं वो 4 महिला वैज्ञानिक जिनकी बदौलत दुनिया को मिली कोरोना की वैक्सीन

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नयी दिल्ली। आज हम आपको उन 4 महिला वैज्ञानिकों के बारे में बताएंगे जिनकी बदलौत दुनिया को कोरोना संक्रमण की वैक्सीन मिली है। इस मिशन में एक भारतीय महिला वैज्ञानिक भी शामिल है। तो आइये जानते हैं उन महिला वैज्ञानिकों के बारे में जिन्होंने कोरोना संक्रमण की वैक्सीन बनाने में अपना योगदान दिया है।

Indian woman scientist Corona vaccine

नीता पटेल 

इन वैज्ञानिकों में पहला नाम नीना पटेल का है जो कि गुजरात की रहने वाली हैं। नीना एक बेहद गरीब परिवार में पैदा हुईं लेकिन आज वह एक प्रतिष्ठित टीका वैज्ञानिक हैं।  नीना पटेल नोवावैक्स कंपनी का कोरोना टीका बनाने की टीम का नेतृत्व कर रही हैं जो कि अमेरिका के मैरीलैंड की कंपनी है। उनकी टीम में भी सभी सहयोगी वैज्ञानिक महिलाएं हैं। अभी नोवावैक्स के उम्मीदवार टीके का डाटा प्रकाशित नहीं हुआ है पर प्रारंभिक चरणों में यह टीका वायरस पर असरदार साबित हुआ है।

नीना के परिवार के बारे में बात करें तो नीना के पिता की टीबी से मौत हो गई थी। तब नीना महज चार वर्ष की थीं। उन्हें बस के किराए के लिए पैसे उधार लेने पड़ते थे। पिता की बीमारी ने ही उनके मन में चिकित्सा के प्रति रुचि जगाई। वे शादी के बाद अमेरिका में बस गई थीं।

केंटिन कारिको 

हंगरी की वैज्ञानिक केंटिक ने मैसेंजर-आरएनए (एमआरएनए) तकनीक विकसित की, जिसके आधार पर दुनिया को 94 फीसदी असरदार कोरोना वायरस का टीका मिला। इस टीके को अमेरिकी कंपनी फाइजर-बायोएनटेक ने बनाया है। केंटिक अपने शोध के लिए अमेरिका चली गईं थीं और तमाम प्रतिद्वंदी पुरुष वैज्ञानिकों के बीच उन्होंने अपने काम में सफलता पायी। वे टीका निर्माण में बायोएनटेक कंपनी का हिस्सा भी रहीं। बता दें एमआरएनए तकनीक से बनाया टीका शरीर में कोशिकाओं को ऐसा प्रोटीन बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे इम्यून सिस्टम सक्रिय हो।

ए. जैक्सन 

अमेरिकी टीका निर्माता कंपनी फाइजर के बनाए टीके को सफल बनाने में महिला वैज्ञानिक  ए. जैक्सन का विशेष योगदान है। वॉशिंगटन विश्वविद्यालय की जेक्सन के नेतृत्व में ही फाइजर कंपनी के टीका उम्मीदवार का पहले चरण का ट्रायल सफलता पूर्वक पूरा हुआ था। फाइजर और उसकी सहयोगी कंपनी बायोएनटेक का बनाया टीका 94 फीसदी असरदार साबित हुआ।

नौबर अफेयन 

मॉडर्ना की सह-संस्थापक और अध्यक्ष नौबर अफेयन के कारण इसका बनाया कोरोना वायरस का टीका सफल हो सका। अफेयन मूलरूप से लेबनान की निवासी हैं। इस कंपनी का टीका 95 फीसदी असरदार साबित हुआ।

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