कोविड जहां एक ओर विश्व के लिए विनाशकारी साबित हुआ, वहीं वैक्सीन निर्माता कंपनियों के लिए वरदान बन गई। बुरे दौर में फंसे फार्मा सेक्टर के लिए कोरोना संजीवनी साबित हुआ व स्पेशली कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अमीर हो गई हैं।
वायरस की वैक्सीन बनाने वाली तीन कंपनियां- फाइजर, बायोटेक और मॉडर्न हर सेकेंड एक हजार अमेरिकी डॉलर यानी 75 हजार रुपये कमा रही हैं। ये कंपनियां रोजाना 93.5 मिलियन डॉलर (करीबन सात अरब रुपए) कमा रही हैं।
इन चार कंपनियों- बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन, मार्डना और फाइजर ने विश्व में दो-तिहाई टीके बेचे हैं। कोरोना के नए वेरिएंट के नाम पर मार्डना व फाइजर ने बूस्टर डोज से लगभग दस दिन में 70 हजार करोड़ की कमाई की। एस्ट्राजेनेका व जॉनसन एंड जॉनसन भी अब लाभ पर वैक्सीन बेचने की प्लानिंग कर रहे हैं।
महामारी से पहले मॉडर्ना 3750 करोड़ रुपए के लॉस में चल रही थी जिसने 2021 में घाटा समाप्त कर 700 करोड़ डॉलर का लाभ कमाया. इसी प्रकार बायोएनटेक जो 300 करोड़ के घाटे में थी 1 वर्ष पश्चात 61 हजार करोड़ के मुनाफे में आ गई. वहीं, फाइजर का प्रॉफिट 2020 में 800 करोड़ डॉलर था जो 2021 में 9 हजार करोड़ डॉलर हो गया।