अमेरिका समेत इन देशों ने बढ़ाई ड्रैगन की टेंशन, समंदर में ऐसे करेगा घेरेबंदी

img

अमेरिका। विश्व महाशक्ति बनने की कोशिश कर रहे चीन को रोकने के लिए अब ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद प्रशांत में उसकी घेरेबंदी करने के लिए एक नया त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ऑकस (एयूकेयूएस) बनाने के ऐलान किया है। एयूकेयूएस के माध्यम से ये देश अपने साझा हितों की रक्षा कर सकेंगे और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियां प्राप्त करने में ऑस्ट्रेलिया की सहायता करने सहित रक्षा क्षमताओं को बेहतर तरीके से साझा कर किया जा सकेगा। इस ऐतिहासिक नए गठबंधन ऑकस को बीते बुधवार को टीवी पर प्रसारित एक संयुक्त संबोधन के समय डिजिटल माध्यम से शुरू किया गया।

Ocus

इस गठबंधन के अंतर्गत तीनों राष्ट्र संयुक्त क्षमताओं के विकास करने, प्रौद्योगिकी को साझा करने, सुरक्षा के गहन एकीकरण को बढ़ावा देने और रक्षा संबंधित विज्ञान, प्रौद्योगिकी, औद्योगिक केंद्रों और आपूर्ति शृंखलाओं को मजबूत करने पर सहमत हुए। वर्चुअल संबोधन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि नई साझेदारी का मकसद मिलकर काम करना और हिंद-प्रशांत की सुरक्षा एवं स्थिरता को संरक्षित रखना है। इस दौरान तीनों नेताओं की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दशकों पुराने हमारे गहरे रक्षा संबंधों को पहचानते हुए हम अपनी संयुक्त क्षमताओं और अंतर-संचालन को बढ़ाने के लिए ऑकस के तहत त्रिपक्षीय सहयोग शुरू करते हैं।

तीनों देशों इस तरह एक साथ आ जाने से चीन बौखला गया है और इस पर सख्त ऐतराज जताया है। चीन ने कहा कि इस समझौते पर वह करीब नजर रखेगा, जो क्षेत्रीय स्थिरता को काफी कमजोर कर देगा और हथियारों की होड़ बढ़ाएगा
ऑकस से हिंद-प्रशांत एवं अन्य क्षेत्रों में संबंधों को नया रूप मिलेगा।

बता दें कि राष्ट्रपति जो बाइडन अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना हटा ली है वहीं चीन के साथ तनाव बढ़ा है। प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका एवं अन्य का दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक कार्रवाई और जापान, ताईवान तथा ऑस्ट्रेलिया का विरोध किए जाने को लेकर चिंता है। समझौते की घोषणा करते हुए तीनों नेताओं ने चीन का जिक्र नहीं किया, जबकि चीन इस गठबंधन को भड़काने वाला कदम बताता है।

 

Related News