बिहार के इस नेता ने शराब को बताया संजीवनी, फिर होने लगा हंगामा

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बिहार में शराब बंदी के बाद से ही कई लोग इसके समर्थन में है, तो कई नेता इसके खिलाफ भी खड़े रहते हैं. आपको बता दें कि इसके बाद अब बिहार में एक बार फिर से शराब सुर्ख़ियों में आ गई है. इसकी वजह है एक नेता का बयान जिसमे शराब को संजीवनी बताया गया था, जिसके बाद प्रदेश की सत्ता पक्ष इस बयान पर भड़क उठा.

आपको बता दें कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा गुरुवार को गरीबों के लिए ‘थोड़ा शराब पीने को संजीवनी’ बताए जाने संबंधी बयान पर राज्य की नीतीश कुमार सरकार की ओर से सख्त प्रतिक्रिया आई है, मांझी ने गुरुवार को पूर्णिया में यह बयान दिया था जब उनसे एक तस्वीर दिखा कर सवाल किया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा संबोधित एक रैली में एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति अधमरी अवस्था में दिख रहा था।

इसके बाद सोशल मीडिया में यह तस्वीर वायरल हो गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘मुझे नहीं पता कि यह व्यक्ति शराब के नशे में है या नहीं। लेकिन आइए हम शराब की खपत के बारे में एक बड़ा बतंगड़ करना बंद करें । दारू कभी कभी दवा के रूप में भी पेश की जाती है। मुझे इसका अनुभव है। बहुत पहले मैं हैजा से पीड़ित था तब एक नुस्खे ने मुझे बचा लिया।’

हम प्रमुख ने कहा था, ‘थोड़ा शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी के बराबर होता है जो दिन भर कमर तोड़ मेहनत कर अपने घर लौटते हैं ।’ बीजेपी नेता एवं राज्य सरकार में भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल ने मांझी की आलोचना करते हुए ‘उनकी खुद की आदतों को सही ठहराने की मांग’ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि ‘लोग शराब पर प्रतिबंध लगाने से खुश हैं और यह हमेशा के लिए रहने वाला है।’

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