देश भर में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बन कर उभर रहा है. इसी कड़ी में रविवार को नोएडा सबसे वायु प्रदूषित शहर रहा। आपको बता दें कि शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 414 दर्ज किया गया, जो वायु प्रदूषण की गंभीर श्रेणी को दर्शाता है। पिछले दस दिनों में तीन दिन शहर की हवा जहरीली रही। आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने के साथ ही इसमें और भी इजाफा हो सकता है।
वहीं सुबह से स्मॉग की स्थिति बनी हुई थी। ठंड बढ़ने और हवा की गति कम रहने के कारण धूल के कण आसमान में ज्यादा ऊपर नहीं जा पाए। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। सुबह और शाम को आसमान में धूल की चादर छाई रही। दृश्यता भी बेहतर नहीं थी।
ग्रेटर नोएडा का वायु प्रदूषण बहुत खराब श्रेणी में रहा। यहां का एक्यूआई 395 दर्ज किया गया। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में पहली नवंबर को नोएडा का वायु प्रदूषण इस वर्ष सबसे अधिक रहा था। एक्यूआई 499 पहुंच गया था। इसी महीने 29 तारीख को शहर की हवा स्वच्छ हो गई थी। इस दिन एक्यूआई 83 दर्ज किया गया था। इसके बाद से हवा जहरीली होती गई।
शाम को मामूली सुधार
शाम सात बजे वायु प्रदूषण में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया। सुबह 11 बजे पीएम 2.5 का स्तर अलग-अलग स्थानों पर 250 से अधिक था। वहीं शाम होते-होते 200 से कम हो गया। वहीं पीएम 10 का स्तर भी कम हुआ। शाम को सेक्टर-116, 125, 62 और नॉलेज पार्क पांच में पीएम 2.5 का स्तर 200 से नीचे दर्ज किया गया। वहीं पीएम 10 का स्तर सेक्टर-116 और 125 में 300 से कम रहा। सेक्टर-62 और नॉलेज पार्क पांच में इसका स्तर 400 से कम दर्ज किया गया। वहीं, नॉलेज पार्क तीन और सेक्टर-1 नोएडा में पीएम 10 का स्तर 400 से अधिक रहा।
एनसीआर के शहरों की हवा सबसे अधिक खराब रही। देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों के टॉप फाइव शहरों में दिल्ली एनसीआर के शहर ही हैं। नोएडा पहले, गाजियाबाद दूसरे, ग्रेटर नोएडा तीसरे, दिल्ली चौथे और बल्लभगढ़ पांचवें स्थान पर रहा। नोएडा और गाजियाबाद गंभीर श्रेणी में दर्ज किए गए। वहीं, दिल्ली व ग्रेटर नोएडा गंभीर श्रेणी के करीब है। दोनों शहरों का एक्यूआई 390 से अधिक है। बल्लभगढ़ और गुरुग्राम का एक्यूआई 371 और इससे कम दर्ज किया गया।