बैंकाक।। म्यांमार में माहौल को लेकर जकार्ता में होने वाली आसियान मीटिंग विवादों से घिर गई है। इसका कारण इंडोनेशिया द्वारा 700 से ज्यादा इंसानों की मौत के जिम्मेदार म्यांमार के शासक को बुलाया जाना है। इससे वहां की जनता भड़क गई है। इसके साथ एमनेस्टी सेंटर ने इंडोनेशिया पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच की मांग की है।
द एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) की मीटिंग जकार्ता में होने वाली है। इस समिट में म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग लाइंग भी भाग लेंगे। समिट में म्यांमार की वर्तमान हालातों पर बातचीत की जाएगी। आसियान में दक्षिण पूर्व क्षेत्र के दस देश सदस्य हैं।
बता दें कि म्यांमार में इंडोनेशिया दखल देकर बुरा फंस गया है। समिट में म्यांमार के सैन्य प्रमुख को आमंत्रित किए जाने पर लोकतंत्र समर्थक नेताओं ने प्रश्न उठाया है कि लोकतांत्रिक सरकार को जबरन हटाकर सत्ता पर कब्जा करने वाले मिन आंग को देश के वैधानिक प्रमुख का दर्जा कैसे दिया जा सकता है।
मिन आंग इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिबंध का सामना भी कर रहे हैं। आसियान को भी सैन्य प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने चाहिए। इधर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि इंडोनेशिया यूएन कन्वेंशन अंगेस्ट टार्चर का सदस्य है। इसलिए उसकी जिम्मेदारी है कि वह मानवता के विरूद्ध अपराध करने वाले मिन आंग का स्वागत नहीं, उनके विरूद्ध कार्रवाई करे।