डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले ने हिंदुस्तान के लिए खड़ी की मुसीबत, भारतीय नागरिकों पर पड़ेगा असर

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न्यूयॉर्क॥ यूएस द्वारा ईरानी जनरल को हवाई हमले में मार गिराए जाने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। अमेरिका द्वारा इस हमले का प्रभाव अब भारतीय एयरलाइन्स पर पड़ सकता है, जो पहले से ही घाटे में ऑपरेट कर रही हैं। एयरलाइन अफसरों ने बताया कि कच्चे तेल की दामों में तेजी से 1-2 प्लेन कंपनियों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।

लाइवमिंट की एक रिपोर्ट में प्लेन कम्पनी की अफसरों के लिए हवाले से लिखा गया है कि अगर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव जारी रहता है और इस बीच कच्चे तेल का रेट 70-72 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाता है तो इस बात की अधिक संभावना है कि कम से कम एक प्लेन कम्पनी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। इस अफसर ने कहा कि यह एक बड़ी चिंता है। किसी भी वॉर की आशंका में ट्रैवल डिमांड भी घट जाता है।

आपको बता दें कि शुक्रवार को अमेरिका द्वारा इस अटैक के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 4 फीसदी तक इजाफा हुआ। भारतीय विमान कंपनियों का एक तिहाई खर्च जेट ईंधन पर होता है। इसके पहले जब कच्चे तेल का भाव 65-66 डॉलर प्रति बैरल के करीब था तब भी इन घरेलू विमान कंपनियों के लिए परेशानियां खड़ी हो गई थी।

गौरतलब है​ कि बीते वर्ष अप्रैल महीने में जेट एयरवेज (Jet Airways) का संचालन बंद होने के बाद भी अन्य विमान कंपनियों को इसका कुछ खास लाभ नहीं मिला था। कई कंपनियों ने अपनी क्षमता बढ़ाने के बाद किराए में कटौती किया था। इसका असर उनकी वित्तीय हालत पर भी पड़ा।

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इंडिगो और गोएयर के खर्च में इसलिए भी इजाफा हुआ क्योंकि उन्हें Airbus 320Neo एयरक्राफ्ट के लिए Pratt and Whitney (P&W) engines को बदलना पड़ा है। स्पाइसजेट को Boeing 737MAX एयरक्राफ्टी डीलिवरी में देरी होने से मुश्किल हुई।

एक अनुमान के अनुसार, भारतीय एयरलाइन्स को वित्त वर्ष 2020 में लगभग 4,273 करोड़ रुपए का घाटा होने वाला है। इसके पहले वित्त वर्ष में उन्हें 3,561 करोड़ रुपये से लेकर 4,985 करोड़ रुपये मुनाफा हुआ था। ये अनुमान कच्चे तेल की दामों को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है।

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