हाफिज सईद को बचाने लिए खेला गया ये खेल, कोर्ट भी कुछ नहीं कर सकी

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पाकिस्तान पर आतंकी पालने के आरोप लगता आया है और वो उसको नकारता रहा है, लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ है कि अगर पाकिस्तान कहे कि वो आंतकी का समर्थन नहीं करता है तो ये सबसे बड़ा झूठ होगा। बता दें कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमाद-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद पर लाहौर स्थित एक अदालत में टेरर फंडिंग को लेकर आरोप नहीं तय हो पाए.


दरअसल, शनिवार को होने वाली इस हाई प्रोफाइल सुनवाई के लिए कोर्ट में आतंकी हाफिज सईद की पेशी तो हुई लेकिन मामले के एक अन्य आरोपी मालिक जफर को अधिकारी पेश नहीं कर पाए. इस वजह से यह सुनवाई टाल दी गई.

न्यूज एजेंसी डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट के जज मलिक अरशद भुट्टा ने आरोपी की अनुपलब्धता के कारण सुनवाई 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी. अब यह सुनवाई फिर से होगी.

उधर जमाद-उद-दावा के कई नेताओं का आरोप है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और पाकिस्तान सरकार अंतर्राष्ट्रीय दबाव में काम कर रही है.

अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद बताया कि हाफिज सईद और अन्य के खिलाफ मामले पर आतंकवाद के वित्त पोषण के संबंध में आतंकवाद रोधी अदालत-1 में आरोप तय किए जाने थे लेकिन आश्चर्यजनक रूप से सह-आरोपी मलिक जफर इकबाल को पेश नहीं किया गया.

अदालत के अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि इकबाल 11 दिसंबर को अगली सुनवाई में पेश हो.

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