हरिद्वार। कुंभ के रंग की अनोखी छठा धर्मनगरी में देखने को मिल रही है। निरंजनी अखाड़े की भव्य पेशवाई के दौरान बुधवार को भक्ति के अलग-अलग रंग दिखाई दिए। इस पेशवाई में हठयोगी सतों की भी बड़ी संख्या दिखाई दी। आनन्द अखाड़े के 4 मढ़ी के हठयोगी दिगंबर दिवाकर भारती ने 4 सालों से यह प्रतिज्ञा ली हुई है कि वो अपना हाथ कभी नीचे नहीं करेंगे। उनका कहना है कि संतों का काम है त्याग करना। लिहाजा उन्होंने यह प्रतिज्ञा लेकर त्याग किया है। अब वो आजीवन अपने हाथ को ऊपर ही रखेंगे।
संत ने पहना 11 किलो रुद्राक्ष
ऐसे ही एक और संत हैं। वह केदारनाथ से हरिद्वार पेशवाई में पहुंचे हैं। आनन्द अखाड़े के ही 12 मढ़ी के बाबा मंगल गिरि ऊर्फ बर्फानी बाबा नाम से प्रसिद्ध इस संत ने अपने सिर पर और वस्त्र के रूप में शरीर पर 11 किलो रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं। बाबा बर्फानी कहते हैं कि वह इस वस्त्र को और अपने सिर पर रुद्राक्ष के मुकुट को सोने से पहले और खाना-खाने के दौरान ही उतारते हैं। उन्हें कुंभ मेले, पेशवाई और शाही स्नानों का बेसब्री से इंतजार रहता है।