ये है अफगानिस्तान की सबसे रहस्यमयी गुफा, जिसका रहस्य कोई नहीं जानता

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नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान ने कब्जा कर लिया है। अब वहां तालिबान का राज कायम है. करीब 20 साल बाद जैसे ही अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना हटाई, तालिबान सक्रिय हो गया और पूरे देश पर कब्जा कर लिया। आपको बता दें कि साल 2001 में अमेरिका ने अलकायदा और तालिबान को अफगानिस्तान से खदेड़ने के लिए हमला किया था। इसके बाद इन 20 सालों में अमेरिकी सैनिकों ने कई खतरनाक आतंकियों को मार गिराया, लेकिन साल 2002 में अमेरिका की सेना को एक विशालकाय राक्षस का सामना करना पड़ा।

इस महान विशालकाय ने कई अमेरिकी सैनिकों को मार डाला। यह अफगानिस्तान के एक सुनसान इलाके में एक रहस्यमयी गुफा में छिपा रहता था। जहां जाने की किसी अमेरिकी सैनिक की हिम्मत नहीं होती। आज हम आपको उस गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके रहस्य के बारे में अमेरिका दुनिया को छुपाता रहा है। दरअसल, साल 2002 में अमेरिकी सेना आतंकी संगठन अलकायदा और तालिबान को खत्म करने के लिए एक गुप्त अभियान चलाने की तैयारी कर रही थी, अमेरिकी सेना का मकसद छिपे हुए आतंकियों को ढूंढना और उन्हें मारना था.

ये आतंकी अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों में मौजूद गुफाओं में छिपे हुए थे. आतंकियों को खत्म करने के लिए अमेरिकी सेना ने सैनिकों के कई ग्रुप बनाए और उन्हें अलग-अलग इलाकों में भेजा। अमेरिकी सैनिक उन इलाकों में पहुंच गए जहां दूर-दूर तक कोई इंसान नहीं रहता था। हालांकि अमेरिकी सैनिकों को खुफिया जानकारी थी कि अलकायदा और तालिबान आतंकवादी इन इलाकों में स्थित गुफाओं में छिपे हुए हैं। इसलिए उसने यहां आतंकियों की तलाश शुरू कर दी।

अमेरिका की सेना यहां स्थित एक गुफा में पहुंच गई, जहां पूरी तरह अंधेरा था। लेकिन जैसे ही वे इस गुफा में पहुंचे, अमेरिकी कमांडो गायब हो गए। अमेरिकी सैनिकों ने लापता कमांडो की काफी तलाश की, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। इस ऑपरेशन में शामिल अमेरिकी कमांडो ने गुफा में इंसानों के कंकाल देखे और सेना के संचार सेट भी बरामद किए। उसके बाद अमेरिकी सेना ने आगे बढ़कर गुफा के अंदर कुछ देखा, जिसके बाद उनके होश उड़ गए।

उसने देखा कि वहां एक 15 फीट लंबा आदमी विशालकाय जैसा दिख रहा है। इसके बाद अमेरिकी सैनिकों ने गोलियां चलाकर उसे मार डाला। इसके बाद अमेरिकी सैनिकों ने बम विस्फोट कर उस गुफा को बंद कर दिया और इस रहस्य को हमेशा के लिए दफन कर दिया। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के किस्से बताए गए। हालांकि, अमेरिका ने साल 2002 की इस घटना पर कोई बयान नहीं दिया। न ही इस घटना का कोई सबूत है। न ही अमेरिकी सैनिकों ने इस बारे में कभी किसी को कोई जानकारी दी।

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