यौन-शोषण के आरोप में फंसे चिन्मयानंद के स्वामी बनने तक ये है कहानी!

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उत्तर प्रदेश ।। यूपी के शाहजहांपुर जिले के स्वामी चिन्मयानंद का नाम इन दिनों चर्चा में है। उन पर गंभीर आरोप लगाया गया है। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। लेकिन बहुत से लोग ये बात को नहीं जानते है कि आखिर स्वामी चिन्मयानंद कौन है। कहां से आये है ये पहले क्या थें। देश के गृह राज्यमंत्री की कुर्सी तक ये कैसे पहुंचे। क्यों की यूपी का पुलिस प्रशासन इन्हें बचाने की कोशिश में लगा हुआ है। कौन है ये स्वामी जो खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी बताते हैं और सबसे बड़ा सवाल ये है कि अखिर शाहजहांपुर में इस बाबा ने अपना इतना बड़ा साम्राज्य कैसे खड़ा कर लिया है।

शाहजहांपुर में अपना साम्राज्य स्थापित करने वाले स्वामी जी असल में यूपी के गोंडा के रहने वाले हैं। सारी दुनिया इन्हें स्वामी चिन्मयानंद के नाम से जानती है। मगर इनका असली नाम कृष्णपाल सिंह है। लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल करने वाले स्वामी जी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक रह चुके हैं।

चिन्मयानंद पहली बार भाजपा के टिकट पर यूपी की बदायूं लोकसभा सीट से साल 1991 में सांसद चुने गये थे। साल 1998 में यूपी के मछलीशहर और साल 1999 में जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद चुना गया था। इतना ही नहीं वाजपेई सरकार में स्वामी चिन्मयानंद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं।

और तो और राम मंदिर आंदोलन में भी स्वामी चिन्मयानंद ने गोरखपुर की गोरक्षा पीठ के महंत और पूर्व सांसद अवैद्यनाथ के साथ मिलकर बड़ी भूमिका निभाई है। माना जाता है कि उन्हें सांसद बनवाने में भी महंत अवैद्यनाथ की अहम भूमिका है। जिसके बाद से वे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी बन गए। और जब 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बंपर जीत मिली तो मुख्यमंत्री के नाम के लिए स्वामी चिन्मयानंद ने ही योगी का नाम आगे लिया है।

72 साल के चिन्मयानंद अपने इस एसएस कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाना चाहते है। जिसके लिये उन्होंने योगी सरकार को मना भी लिया था। मगर तभी उन पर यौन शोषण के आरोप का यह मामला सामने आ गया है। स्वामी पर इस तरह का ये कोई पहला आरोप नहीं लगा है। इससे पहले भी उन पर एक महिला ने इसी तरह के आरोप लगाए है।

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