बेगूसराय में इस बार के विधानसभा चुनाव में चलेगी नए बदलाव की बयार, जानें विस्तार से

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बेगूसराय, 14 सितम्बर यूपी किरण। आम चुनाव में हमेशा कुछ नया करने वाले बेगूसराय में इस बार के विधानसभा चुनाव में भी नए बदलाव की बयार चल रही है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो इस बार बेगूसराय जिले के सात में से कम से कम तीन-चार क्षेत्र में विरासत संभालने तीन-चार नए चेहरे चुनावी मैदान में होंगे। ये चेहरे पिता की लंबी राजनीतिक पारी का फायदा उठाएंगे और नया नेतृत्व भी जिले में दे सकेंगे।

                       
यहां राजनीतिक विरासत के चुनाव लड़ने का इतिहास पुराना है। 1956 में मंत्री और राज्य के चर्चित कांग्रेस नेता रामचरित्र सिंह के पुत्र चंद्रशेखर सिंह ने बेगूसराय दक्षिण से उप चुनाव में जीत  हासिल कर खूब चर्चा बटोरी थी। इसके बाद वह कई बार विधायक बने। बाद के दिनों में पूर्व विधायक सुखदेव महतो की पुत्रवधू कुमारी मंजू वर्मा और पूर्व सांसद चंद्रभानु देवी की बेटी अमिता भूषण ने विधायक बनकर विरासत की राजनीति को आगे बढ़ाया। राज्य की राजनीति में लालू प्रसाद और रामविलास पासवान द्वारा अपने पुत्रों को राजनीति में नेतृत्व देने के बाद बिहार की राजनीति में ऐसे लोग टिकट पाने की दौड़ में आगे चल रहे हैं।
बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक और समस्तीपुर के सांसद रह चुके विधायक रामदेव राय का निधन हो गया है। वे पिछले छह महीने से अपने पुत्र शिवप्रकाश उर्फ गरीब दास को राजनीति में उतारकर चुनाव लड़ाने की तैयारी में लगे थे। पार्टी इस चुनाव में उन्हें मैदान में उतारेगी। आलाकमान से स्वीकृति मिल चुकी है। उनके श्रद्धांजलि सभा में जुटे कांग्रेस के नेताओं ने ये संकेत भी दे दिए हैं। यदि बछवाड़ा कांग्रेस के कोटे में जाती है तो वे प्रबल दावेदार हैं।
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