नई दिल्ली ।। राजधानी दिल्ली का निज़ामुद्दीन CORONA__VIRUS के बड़े केंद्र के रूप में सामने आया है। मार्च के बीच में यहां तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए आये कई लोग CORONA__VIRUS से संक्रमित पाए गए हैं। जब से ये ख़बर सामने आई है, सोशल मीडिया और मीडिया का एक बहुत बड़ा तबका CORONA__VIRUS के पूरे मसले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में लगा हुआ है। जिसका हिस्सा मीडिया का एक बड़ा वर्ग भी है ।
छत्तीसगढ़ राज्य की सामाजिक समरसता भंग करने के उद्देश्य से और एक धार्मिक पहचान विशेष को बदनाम करने के लिये अपुष्ट खबर जी” खबर वाले मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ चैनल ने प्रसारित करने की खबर है। छत्तीसगढ़ स्टेट फेक न्यूज़ कंट्रोल स्पेशल मॉनिटरिंग सेल ने इस खबर को फेक न्यूज घोषित किया है। छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क के ऑफिशियल अकाउंट में इसे शेयर कर फेक न्यूज बताया गया है।
बता दे कि “जी” वालों छत्तीसगढ़ में एक खबर प्रसारित की थी, जिसमें कोरोना पाजीटिव के एम्स में एडमिट एक मरीज को जमाती बताते हुए आरोप लगाया था कि उसने चिकित्सा करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर थूकने का प्रयास किया था । इस खबर में सांसद सुनील सोनी और छत्तीसगढ़ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी अपनी प्रतिक्रिया रखी थी। एम्स प्रबंधन ने इस खबर का खण्डन किया है और स्पष्ट किया है कि उक्त मरीज का प्रबंधन को उपचार करने में पूरा सहयोग मिल रहा है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर प्रबंधन ने मेडिकल बुलेटिन के माध्यम से स्पष्ट किया है कि कोरबा के नाबालिग कोरोना वायरस के पॉजीटिव रोगी ने चिकित्सकों या अन्य किसी कर्मचारी पर थूकने का कोई प्रयास नहीं किया। रोगी निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप दवा ले रहा है.
— AIIMS, Raipur, CG???? (@aiims_rpr) April 5, 2020
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. राजकुमार गुप्त ने राज्य सरकार से मांग की है कि एम्स प्रबंधन के खंडन करने के बाद एक धार्मिक पहचान को बदनाम करने और राज्य के सामाजिक समरसता को भंग करने के ईरादे से अपुष्ट समाचार प्रसारित करने वाले “जी” न्यूज चैनल के राज्य में प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाए और चैनल प्रबंधन के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करके कार्यवाही करे।