Film City के भविष्य पर आज हो सकता है ये बड़ा फैसला, जानें क्या है वजह

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नोएडा. फिल्म सिटी (Film City) को लेकर बड़ी अपडेट आ रही है। बता​दे की Film City बसाने के लिए तीन मॉडल पर खास चर्चा हो रही है। पहला है पीपीपी मॉडल (PPP Model), दूसरे मॉडल में यमुना प्राधिकरण खुद सीधे तौर पर प्लॉट बेचे और तीसरा मॉडल है यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) को सरकार से सब्सिडी (Subsidy) मिले और अथॉरिटी नोडल एजेंसी के तौर पर फिल्म सिटी को बसाए। लेकिन आम लोगों को यहां रेस्टोरेंट, होटल और दुकान आदि के साथ ही एडिटिंग स्टूडियो और म्यूजिक डबिंग स्टूडियो समेत कई तरह के स्टूडियो खोलकर बिजनेस करने का बड़ा मौका मिल सकता है।

film city

सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक फिल्म सिटी (Film City) का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन उसे लेकर सवाल उठने लगे हैंं। फिल्म सिटी के लिए चुनी गई अमेरिकन (American) कंपनी को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। ग्लोबल टेंडर होने के बावजूद निर्माण कार्य के लिए सिर्फ एक बिल्डर सामने आया है. इस संबंध में आज लखनऊ (Lucknow) में एक बड़ी बैठक बुलाई गई है। बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। अमेरिकन कंपनी को लेकर भी बैठक में कई खास फैसले लिए जा सकते हैं। कुछ और नए नियम बनाए जा सकते हैं। अलग-अलग काम के हिसाब टेंडर जारी कर कई कंपनियों को काम दिया जा सकता है।

सिर्फ नोएडा की एक कंपनी ने भरा टेंडर

सूत्रों की मानें तो यमुना अथॉरिटी के सेक्टर-21 में फिल्म सिटी बनाने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए गए थे टेंडर जारी होते ही देश-विदेश की चार बड़ी कंपनियों ने टेंडर खरीदे थे। चार बड़ी कंपनियों के सामने आने से यमुना अथॉरिटी भी काफी खुश थी। लेकिन जब टेंडर खोलने की बारी आई तो मालूम हुआ कि सिर्फ नोएडा की एक म्यूजिक कंपनी का टेंडर ही आया है। बाकी देश-विदेश की तीन बड़ी कंपनियों के टेंडर का कोई अता-पता नहीं है।

उन्होंने टेंडर खरीदे जरूर, लेकिन जमा नहीं किए। इससे हड़कंप मच गया। आनन-फानन में तकरीकी बिड को रोक दिया गया। इसी के चलते बहुत ही कम समय के नोटिस पर आज लखनऊ में बैठक बुलाई गई है। चर्चा तो यह भी है कि फिल्म सिटी को बनाने के लिए आबूधाबी समेत सुभाष घई और एकता कपूर की कंपनियों ने भी दिलचस्पी दिखाई थी।

 

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