झारखंड-राज्य के विकास को लेकर बताया अपना विजन, जानें क्या कहा

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वह झारखंड के विकास के लिए अगले 25 वर्षों की योजना पर काम कर रहे हैं. सोरेन ने उक्त बातें गुरुवार को अपने कांके रोड स्थित आवास में वरिष्ठ संपादकों व पत्रकारों से कही. इस मौके पर उन्होंने झारखंड के विकास के संदर्भ में अपने विजन पर बात की.

उन्होंने कहा कि कम वक्त में झारखंड का लंबे समय तक विकास कैसे हो, इस पर सरकार लगातार मंथन करती रहती है. वह जो भी कदम उठाते हैं, यह सोचकर कभी नहीं उठाते कि इसका राजनीतिक लाभ मिलेगा. वे भविष्य के झारखंड और उसके प्रभावों पर निरंतर चिंतन करके ही कदम उठाते हैं.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड पिछड़ा प्रदेश है. यहां के लोगों के विचार व मानसिकता को ध्यान में रखते हुए राज्य को विकास की पटरी पर ले जाना है. शहरों के फैलाव और खत्म हो रहे मैदानों पर उन्होंने चिंता जतायी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी वृहद मोरहाबादी मैदान हुआ करता था.

आज वह सिकुड़ गया है. आज जो कुछ दिख रहा है, पांच साल बाद वह कैसा होगा, यह कोई नहीं कह सकता. उन्होंने कहा कि कांके रोड की स्थिति आज क्या है, कल क्या होगा, कोई नहीं जानता. मुख्यमंत्री ने उपस्थित पत्रकारों से कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण हमारी मुलाकात नहीं हो पा रही थी.

हम सब के सम्मिलित प्रयास से जब परिस्थितियां सामान्य होने लगी हैं तो मीडिया एवं सरकार के बीच ब्रिज बनाने के प्रयास के तहत यह भेंटवार्ता आयोजित की गयी है. इससे सरकार द्वारा चलायी जा रही जनहित की योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने में सहयोग प्राप्त होगा.

उन्होंने कहा कि सरकार और बेहतर तरीके से कैसे जन सामान्य के लिए कार्य करे, इसके लिए आप अपने सुझाव सरकार के साथ साझा करते रहें. इससे हमें जनसरोकार के कार्य करने में सहयोग प्राप्त होता रहेगा. इसके पूर्व सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक शशिप्रकाश सिंह ने कार्यक्रम में स्वागत संबोधन किया. मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का भी उपस्थित थे.

सीएम ने सभी संपादकों व पत्रकारों से आह्वान किया कि राज्य की अलग पहचान बनाने के लिए सब मिलकर काम करें. किस क्षेत्र में राज्य बेहतर कर सकता है, इस पर सुझाव दिया जा सकता है. हाल के दिनों में राज्य के खिलाड़ियों ने देश और दुनिया में परचम लहराया है. ये वो बच्चे हैं, जिन्होंने कम संसाधन होने के बावजूद अपनी मेहनत के बदौलत मुकाम हासिल किया. हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी चीजों पर राज्य को आगे ले जाने पर सबको सहयोग करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्या है तो उसका समाधान भी है. यह सामूहिक दायित्व के साथ किया जा सकता है. कोरोना के कारण राज्य में कई चुनौती खड़ी है. ऐसा कोई वर्ग नहीं है, जो इससे प्रभावित नहीं हुआ है. अब राज्य में हालात सामान्य करने के प्रयास चल रहे हैं. देश के वैज्ञानिक भी निरंतर कोरोना पर काबू पाने के लिए शोध कर रहे हैं. इस विपरीत परिस्थिति में कार्यपालिका भी प्रभावित हुई. कई काम रुके या उसकी गति धीमी हुई है. पर सब मिलकर धीरे-धीरे इस पर काबू पा रहे हैं.

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