पंजाब में फ्री बिजली का आनंद ले रहे लोगों के साथ-साथ सस्ती बिजली पाने वाले व्यापारियों को करारा झटका लगने वाला है। मुफ्त बिजली का बोझ अब विभाग पर भारी लगने लगा है। जिसके लिए अब बिजली की दरें 11 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है. पावरकॉम ने पंजाब राज्य बिजली नियामक आयोग को भेजी अपनी वार्षिक राजस्व आवश्यकता रिपोर्ट (एआरआर) में इस संबंध में एक प्रस्ताव दिया है।
जल्द ही आयोग से इसे मंजूरी मिल सकती है। हालांकि, पावरकॉम के अफसर तर्क दे रहे हैं कि 2010 में पावरकॉम के गठन के बाद से पिछले 15 सालों में बिजली दरों में यह सबसे कम वृद्धि होगी। साथ ही अफसरों का कहना है कि घरेलू ग्राहकों को 300 यूनिट बिजली पहले से ही मुफ्त दी जा रही है और कृषि क्षेत्र को भी ये मुफ्त मिल रही है. ऐसे में बिजली दरों का सबसे ज्यादा असर व्यापारियों और उद्योगपतियों पर पड़ेगा. वहीं 300 यूनिट से ज्यादा खपत करने वालों को भी झटका लगेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक पावरकॉम का कुल संचयी राजस्व घाटा 5400 करोड़ रुपए होगा। इस घाटे का मुख्य कारण 2021 के चुनावों के मद्देनजर तत्कालीन चन्नी सरकार द्वारा बिजली दरों में एक प्रतिशत की कटौती करना और उसके बाद 2022 में मान सरकार द्वारा बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करना है, जिसके कारण वित्तीय वर्ष 2022 में पावरकॉम- 23 को लगभग 6300 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हुआ।
--Advertisement--