img

Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी सोचा है कि जब दुनिया का एक बड़ा नेता एक आर्थिक युद्ध का ऐलान कर दे, तो बाकी देशों पर क्या असर पड़ता है? अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय संबंधों और व्यापार पर अपनी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति का कड़ा संकेत दिया है. उन्होंने साफ-साफ चेतावनी दी है कि जो भी देश रूस (Russia) के साथ व्यापारिक संबंध जारी रखेगा, उसे बहुत कड़े प्रतिबंधों (severely sanctioned) का सामना करना पड़ेगा! यह बयान तब आया है जब यूक्रेन युद्ध के चलते पहले से ही रूस पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं. ट्रंप का यह तेवर वैश्विक अर्थव्यवस्था और कूटनीति पर बड़ा असर डाल सकता है.

रूस पर लगाम: ट्रंप की चेतावनी का क्या है मकसद?

डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ यह सख्त रुख यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में दिखाया है. उनकी चेतावनी का सीधा मकसद यह सुनिश्चित करना है कि रूस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी ज़्यादा अलग-थलग पड़ जाए और उसे अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए व्यापारिक रास्ते न मिलें.

  1. युद्ध पर दबाव: यह रूस पर सैन्य कार्रवाई को रोकने और यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए आर्थिक दबाव बनाने का एक तरीका है.
  2. पश्चिमी गठबंधन को मजबूत करना: ट्रंप अपने पारंपरिक पश्चिमी सहयोगियों को एकजुट रखना चाहते हैं ताकि वे सभी रूस पर एक साथ आर्थिक दबाव बनाए रखें.
  3. अपनी विदेश नीति का प्रदर्शन: ट्रंप, जो 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति के लिए जाने जाते हैं, यह भी दिखा रहे हैं कि वे भविष्य में अपनी सत्ता में आने पर अपनी शर्तों पर ही अंतरराष्ट्रीय संबंध स्थापित करेंगे.

यह चेतावनी विशेष रूप से उन देशों के लिए चिंता का विषय हो सकती है जो रूस के साथ महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंध बनाए हुए हैं, जैसे कि ऊर्जा या हथियारों के सौदे. ऐसे देशों को अब यह विचार करना होगा कि वे अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना करते हैं या रूस से अपने व्यापारिक संबंधों में कमी लाते हैं.

क्या यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नई चुनौती है?

यदि ट्रंप अपने कार्यकाल में वापस आते हैं और अपनी इस चेतावनी पर कायम रहते हैं, तो यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है:

  1. ऊर्जा बाजार पर असर: रूस दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्तिकर्ताओं में से एक है. उस पर नए प्रतिबंधों से ऊर्जा बाजारों में उथल-पुथल मच सकती है.
  2. आपूर्ति श्रृंखला में बाधा: कई देशों के लिए रूस महत्वपूर्ण कच्चा माल और अन्य सामान सप्लाई करता है. प्रतिबंधों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) प्रभावित हो सकती है.
  3. भू-राजनीतिक तनाव: इससे रूस और पश्चिमी देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है, जिससे दुनिया के कई हिस्सों में अस्थिरता आ सकती है.

यह बयान दिखाता है कि ट्रंप, चाहे सत्ता में हों या न हों, वैश्विक कूटनीति और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालना जारी रखे हुए हैं. अब देखना यह होगा कि क्या उनके इस सख्त तेवर का रूस और उसके व्यापारिक भागीदारों पर वाकई कोई असर पड़ता है.