होली पर कैदियों को राजस्थान सरकार का तोहफा, मिली 1200 लोगों को रिहाई

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राजस्थान दिवस पर मंगलवार को प्रदेश की जेलों में लम्बे समय से सजा भुगत रहे बारह सौ कैदियों को समय से पहले रिहा किया जा रहा है। इनमें सदाचार पूर्वक अपनी अधिकांश सजा भुगत चुके कैदियों के साथ ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित और उमरदराज बंदी भी शामिल हैं।

Ashok Gehlot
अशोक गहलोत

पुलिस महानिदेशक जेल राजीव दासोत ने बताया कि राजस्थान दिवस पर प्रदेश की जेलों में लम्बे समय से सजा भुगत रहे 12 सौ कैदियों को समय पूर्व रिहा किया जा रहा है। समय पूर्व रिहाई पाने वाले कैदियों की संख्या बहुत है, जो आजीवन कारावास से दण्डित हैं और 14 वर्ष की सजा भुगत ली है। ऐसे बंदियों को वर्तमान में स्थायी पैरोल पर होने की स्थिति में ही रिहा किया जा रहा। इस पहल से ऐसे परिवारों को खुशियां मिलेंगी, जिनके परिजन आजीवन कारावास की सजा का अधिकांश हिस्सा भुगत चुके।

राजीव दासोत ने बताया कि वृद्ध एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित कैदियों को इसलिए रिहा किया जा रहा है, ताकि वे कोरोना संक्रमण के खतरे से बच सकें। इस निर्णय से ऐसे बंदी जो कैंसर, एडस, कुष्ठ एवं अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित अथवा दृष्टिहीन हैं और अपने दैनिक क्रियाकलापों के लिए दूसरों पर निर्भर है, उन्हें रिहा किया जा रहा है। अपराध में दण्डित वृद्ध पुरूष, जिनकी आयु 70 वर्ष तथा महिलाएं, जिनकी आयु 65 वर्ष या इससे अधिक है और सजा का एक तिहाई भाग भुगत चुके हैं, उन्हें भी समय पूर्व रिहाई मिल रही है।

जेल महानिदेशक ने बताया कि बलात्कार, ऑनर किलिंग, मॉब लिंचिंग, पॉक्सो एक्ट, तेजाब हमले से संबंधित अपराध, आर्म्स एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, एनडीपीएस एक्ट, आबकारी अधिनियम, पीसीपीएनडीटी एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, गौवंश अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम के तहत सजा भुगत रहे बंदियों सहित 28 विभिन्न श्रेणियों के जघन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को कोई राहत नहीं मिल रही है।

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