नयी दिल्ली। आज से 24 साल पहले हरियाणा के चरखी दादरी के पास एक गांव में आसमान में दो विमानों की टक्कर से बिजली कौंधी और पलभर में 349 लोग अकाल मौत के शिकार हो गए। सऊदी अरब का विमान और कजाकिस्तान के विमान क्रेश होने का मामला बड़े विमान हादसों में शामिल हो गया। विमान हादसे का वह मंजर याद कर यहां के वासी आज भी सिहर उठते हैं।
ऐसे हुआ था हादसा
दरअसल सऊदी अरब एयरलाइंस का विशाल विमान और कजाकिस्तान एयरलाइंस का मझौला यात्री विमान हवा में टकरा गए थे। जिस वक्त ये टक्कर हुई, उस वक्त दोनों चरखी दादरी के ऊपर से विपरीत दिशा में उड़ रहे थे। एक ने दिल्ली हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, तो दूसरा दिल्ली में उतरने वाला था। शाम करीब साढ़े 6 बजे दोनों हवा में टकराकर दुघर्टनाग्रस्त हो गए।
जांच में सामने आया था कि कजाकिस्तान के पायलट्स उस दौर में सोवियन यूनियन के साथ भी प्लेन्स उड़ाते थे। सोवियत मेट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल करते थे लेकिन नई दिल्ली में एयर ट्रैफिक कंट्रोल से जुड़े लोग इंग्लिश यूनिट्स का इस्तेमाल करते थे। एयर ट्रैफिक ने दोनों एयरप्लेन को मीटर के बजाए फीट में निर्देश दिए थे जिससे ये कंफ्यूजन हो गया था। इसके अलावा कजाकिस्तान के क्रू को इंग्लिश समझने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गांव में मौजूद लोगों को एक भीषण आवाज सुनाई दी थी और इसके बाद आसमां कुछ देर के लिए लाल हो गया था. गांववाले अपनी छतों पर जा-जाकर ये समझने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर हुआ क्या है. कई लोगों को ये भी लगा था कि भारत पर किसी ने हमला कर दिया है. इस घटना को देखने वाले लोगों का कहना था कि ऐसा लगा था कि जैसे आसमां से आग का गोला नीचे गिर रहा है और उसके बाद खून की बारिश होने लगी थी. इससे साफ हो गया था कि दो एयरप्लेन हवा में टकराए हैं.
इस घटना के सामने आने के बाद दूर-दराज से लोग भी इस क्षेत्र में पहुंचे थे. कई लोगों ने इतनी पास से कभी प्लेन नहीं देखा था और ना ही इतनी भीषण त्रासदी को. इस घटना के बाद कुछ धर्म के लोगों ने सामने आकर इन शवों का अंतिम संस्कार किया था.
किसान धर्मराज, जयबीर, भूपेंद्र, पुरूषोतम व रामस्वरूप के अनुसार हादसे को याद कर आज भी लोगों की रूह कांप उठती है. हादसे के बाद उनके खेतों की जमीन बंजर हो गई व दस किलोमीटर के दायरे में दोनों विमानों के अवशेष व लाशों बिखर गई थी. बाद में किसानों ने कड़ी मेहनत करके बंजर जमीन को खेती लायक बनाया. वहीं सरकार की ओर से भी हादसे की चपेट में आई जमीन का मुआवजा भी दिया गया.