हिंसा पर दो दिन बाद दिल्ली मुखिया केजरीवाल ने सियासी मार्केट में आकर ‘विचार किए व्यक्त’

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

कृषि कानून को देश में मैंने तो लागू नहीं किया था जो मैं दिल्ली में हुई हिंसा, उपद्रव और आगजनी के झमेले में पड़ूं, अगर ‘कृषि कानून का किसान विरोध कर रहे हैं तो यह केंद्र सरकार और भाजपा वाले जाने’ । माना कि मैं दिल्ली का मुखिया हूं लेकिन भाजपा सरकार ने दिल्ली पुलिस भी हमारी सरकार के हवाले नहीं की, तो मैं दिल्ली में हुए उपद्रव की चिंता क्यों करूं । केंद्र सरकार और उपद्रवी किसानों की वजह से अगर राजधानी जलती है तो इसकी जिम्मेदारी उन्हीं को लेनी होगी, जिन्होंने इसकी शुरुआत की है । जी हां हम बात कर रहे हैं आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की । राजधानी में हुई हिंसा के बाद सियासत भी खूब हो रही है ।

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जब दिल्ली लहूलुहान और शर्मसार हो जाती है तब मुख्यमंत्री केजरीवाल छुपे फिरते हैं

इन सबके बीच दिल्ली की गद्दी पर विराजमान केजरीवाल दो दिन तक मौन बने रहे । जबकि आम आदमी पार्टी पूरे देश में ‘दिल्ली मॉडल’ का बखान कर ढिंढोरा पीटती आ रही है, लेकिन जब दिल्ली लहूलुहान और शर्मसार हो जाती है तब मुख्यमंत्री केजरीवाल छुपे फिरते हैं । बता दें कि सियासी तौर पर दिल्ली के सबसे बड़े प्रधान अरविंद केजरीवाल ही हैं । राजधानी में अगर कोई भी घटना होती है तो मुख्यमंत्री केजरीवाल का बयान सबसे पहले आना चाहिए था । लेकिन वह किसानों और केंद्र सरकार के पचड़े में न पड़ते हुए दिखाना चाहते थे ।

आखिरकार राजधानी में हिंसा के दो दिन बाद यानी गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सियासत के मार्केट में निकले । अब आपको बताते हैं आज केजरीवाल ने सबसे पहले आम आदमी पार्टी की जमकर मार्केटिंग की उसके बाद दिल्ली में हुई हिंसा पर भी अपने ‘विचार व्यक्त’ किए । दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए छह राज्यों में चुनाव लड़ने का एलान भी कर डाला, उसके बाद अराजकतत्वों की दिल्ली में फैलाई गई हिंसा और तोड़फोड़ पर केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी । पहले हम बात करेंगे केजरीवाल की राज्यों में चुनाव लड़ने के एलान की ।

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आम आदमी पार्टी अन्य राज्यों में भी आजमाएगी अपनी किस्मत–

दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मजबूत आधार देने के बाद अब अरविंद केजरीवाल की नजर देश के अन्य राज्यों की ओर है ‌। बता दें कि दिल्ली में आयोजित आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में केजरीवाल ने अपनी पार्टी की सियासत को और बढ़ाने का फैसला किया है, जिसमें उन्होंने छह राज्यों में होने वाले चुनावों में लड़ने का एलान किया है। इसमें उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गोव, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात शामिल हैं। केजरीवाल ने कहा कि अगले दो साल के अंदर देश में जो भी चुनाव होंगे आम आदमी पार्टी वहां चुनाव लड़ेगी । आम आदमी पार्टी के संयोजक ने कहा कि देश भर के लोग दिल्ली में हमारे सुशासन की बात कर रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के लोग अब दिल्ली की तरह बिजली, पानी की सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाएं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाहर लोग भाजपा और कांग्रेस की नीतियों से त्रस्त हो गए हैं । सभी अब उनके विकल्प के रूप में हमारी पार्टी की ओर देख रहे हैं । वहां के लोग भी अब फ्री में पानी और बिजली की उम्मीद कर रहे हैं । केजरीवाल ने कहा कि ऐसा सिर्फ आम आदमी पार्टी कर सकती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि 70 साल से सभी पार्टियों ने मिलकर देश की जनता को धोखा दिया है।

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अपनी सरकार की मार्केटिंग कर दिल्ली की घटना पर केजरीवाल ने तोड़ी चुप्पी–

आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले अपनी सरकार और अपने एजेंडे की खूब जमकर मार्केटिंग की फिर उसके बाद दिल्ली में हुई घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ी । अरविंद ने कहा कि हमने दिल्ली में सुशासन की नीति अपनाई है । मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सभी राज्यों में दिल्ली मॉडल की सराहना हो रही है । इसके बाद केजरीवाल किसानों के पक्ष में बात करते हुए दिखाई दिए ।

उन्होंने कहा कि आज देश का किसान बहुत दुखी है, सभी पार्टियों ने मिलकर किसानों को धोखा दिया। कभी कहते थे कि तुम्हारा लोन माफ करेंगे, किसी ने लोन माफ नहीं किया, कभी कहते थे तुम्हारे बच्चों को नौकरी देंगे किसी ने नौकरी नहीं दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 25 साल में साढ़े 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं, नए किसान बिल से किसानों की खेती छीनकर पूंजीपतियों को देने की तैयारी है। किसानों पर फर्जी केस लगाए जा रहे हैं । अब किसान के लिए अस्तित्व का सवाल हो गया है। केजरीवाल ने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण थी, दिल्ली में जो भी हिंसा के दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ।

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