नई दिल्ली॥ देश में लॉकडाउन के बाद भी कोविड-19 संक्रमण के मामले निंरतर बढ़ते जा रहे है। अब तक 1694 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 46 हजार को पार कर गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ( Ministry of Health ) के अनुसार, बीते 24 घंटों में 3900 नए मामले सामने आए और 195 मरीजों की मौत हुई है।
कोविड-19 संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए मोदी सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को 17 मई तक बढ़ा दिया। देश में 40 दिनों से अधिक वक्त से लॉकडाउन चल रहा है लेकिन, कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 मामलों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर कई बातें सामने रखी हैं।
लॉकडाउऩ के बावजूद देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ राज्य से कोरोना के डाटा सही समय पर नहीं मिला और अब आने पर अचाऩक से बढ़ोतरी दिख रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना के 33514 एक्टिव पेशंट हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। देश में 40 दिनों से अधिक से लॉकडाउन रहने के बाद भी कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे है और ये एक चिंता का विषय बना हुआ है। लेकिन, सरकार की इसको लेकर कुछ और ही दलील है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संक्युत सचिव लव अग्रवाल ने कहा, “कुछ राज्य सही समय पर कोरोना के डाटा उपलब्ध नहीं करा रहे। पहले सही समय पर नहीं मिलने और अब वहां से अचानक केस के डाटा अपडेट होने के कारण मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा, हम कन्टेनमेंट जोन के आधार पर काम कर रहे हैं। उन्होंने किसी राज्य का नाम नहीं लिया लेकिन बढ़ोतरी को लेकर उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए राज्य सरकारों और प्रशासन को और अधिक संवेदनशील होना होगा। लव अग्रवाल ने कहा, राज्यों को और पारदर्शी होने कि आवश्यकता है।
कोविड-19 के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह टेस्टिंग को भी माना जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 84713 लोगों के कोरोना टेस्ट हुए। 4 मई तक हिंदुस्तान में 1107233 लोगों के टेस्ट हुए थे, वहीं 5 मई को 1191946 लोगों के टेस्ट हुए। इंटरनल मेडिसन की डॉ स्वाति माहेश्वरी का कहना है, आईसीएमआर बहुत अधिक टेस्टिंग कर रही है इसलिए कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है। वहीं, कई बिना लक्षण के भी मरीज सामने आए है।