हिंदुस्तान-चीन के बीच विवाद के दौरान उद्धव सरकार ने चीनी कम्पनी से की बड़ी डील, ये है फिगर

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नई दिल्ली॥ हिंदुस्तान-चीन के बीच एक बार फिर विवाद बढ़ गया है। लद्दाख बॉर्डर के गलवान घाटी में हिंदुस्तान-चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए हैं। जवानों की शहादत पर देश में रोष है। पूरा देश एक साथ चीन के खिलाफ है। केन्द्र सरकार ने भी चीन को दो टूक जवाब दे दिया है।

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जहां, एक ओर इस डरपुकनी हरकत के लिए चीन का हर तरफ से विरोध हो रहा है। वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कम्पनी के साथ 76 सौ करोड़ का करार किया है। चीन से तनातनी के बीच उद्धव सरकार ने चीन की जीडब्ल्यूएम ( GWM ) नामक कम्पनी के साथ एक अरब डॉलर यानी 7,600 करोड़ रुपए से ज्यादा का करार किया है। इसके अलावा शिवसेना सरकार ने एक अन्य चीनी कम्पनी हेंगली इंजीनियरिंग के साथ 250 करोड़ रुपए के निवेश का भी करार किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कम्पनी GWM पुणे के तलेगांव में 3770 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। बताया जा रहा है कि इस निवेश से तकरीबन तीन हजार लोगों को रोजागार मिलने का दावा किया गया है। जीडब्ल्यूएम यानी ग्रेट वॉल मोटर्स SUV गाड़ी बनाती है। यह हिंदुस्तान में भी काफी लोकप्रिय है। जनवरी महीने में GWM ने अमरीकन वाहन कम्पनी जनरल मोटर्स के साथ तलेगांव स्थित प्लांट के अधिग्रहण के लिए करार किया था।

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हिंदुस्तान में जीडब्ल्यूएम सहायक कम्पनी के प्रबंध निदेशक पार्कर शी ने कहा कि इस करार के लिए हम महाराष्ट्र को सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र उद्योग विभाग की ओर से सीएण उद्धव ठाकरे की मौजदगी में चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, यूएसए सहित 12 देश के प्रतिनिधि शामिल हुए।

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस करार से प्रदेश सरकार को भी लाभ होगा, साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगी। लेकिन, जिस तरह से चीन का अभी विरोध हो रहा है और उस पर बैन लगाने की चर्चा शुरू हो गई है। ऐसे में चीनी कम्पनी के साथ महाराष्ट्र सरकार का यह करार कई सवाल खड़े कर रहे हैं।

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