उमा भारती ने शिवराज मंत्रिमंडल को लेकर अपनी नाराजगी पर अब कही ये बात, मैंने…

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मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण से पहले अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए वरिष्ठ नेताओं को एक संदेश भेजकर सैद्धांतिक मुद्दों पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन बनाने की मांग की थी, लेकिन मीडिया में इसे उनके लोगों को तवज्जों नहीं देने से जोड़ दिया गया। अब उन्होंने इसको लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से सफाई दी है।
उमा भारती ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि ‘मैं इन दिनों लखनऊ में हूं। सुबह मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार की खबर मैंने लखनऊ में टीवी पर देखी थी। मैंने उस पर बयान तो नहीं दिया और न ही कोई चिट्ठी लिखी, परन्तु केन्द्र एवं मध्यप्रदेश के नेताओं को संदेश भेजा था। मेरे भेजे गये संदेश में ‘मेरे लोगों को तवज्जो नहीं दिया गया’ ऐसा वाक्य नहीं था। मैंने तो मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक समीकरण साधने की बात की थी। भाजपा के सभी कार्यकर्ता मेरे हैं और मैं उनकी हूं। मेरी बातें मेरे अहम से संबंधित नहीं थी।’
उन्होंने आगे लिखा है कि – ‘मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के भाजपा में आने और प्रदेश में कांग्रेस के ध्वस्त होने से बहुत खुश हूं। शिवराज जी के मुख्यमंत्री बनने से भी मुझे बहुत खुशी हुई है और मैं मानती हूं कि भाजपा विधानसभा उपचुनावों में चौबीसों सीटें जीतेगी। लॉकडाउन के पहले फरवरी के अंत में जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने को आ गयी, तभी से मेरा यह मत था कि विधानसभा भंग कराके शिवराज जी के नेतृत्व में चुनाव होना चाहिये। इन 24 सीटों को जीतने के लिए हम जितना प्रयास करेंगे, उतने में हम पूरा प्रदेश जीत जाते। अभी तो हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी चीन और कोरोना दोनों पर ही विजित होंगे, ऐसे समय पर पूरे देश को उनके साथ होना चाहिए।’
बता दें कि उमा भारती ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जो संदेश भेजा था, उसमें उन्होंने कहा था कि “अभी मुझे मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल की जो जानकारियां मिल रहीं हैं, जिनके अनुसार प्रस्तावित मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण बिगड़ा हुआ है, जिसका मुझे दुख है। ……मंत्रिमंडल के गठन में मेरे सुझावों की पूर्णत: अनदेखी करना उन सबका अपमान है, जिनसे मैं जुड़ी हुई हूं, इसलिये जैसे कि मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात की है, उसके अनुसार सूची में संशोधन किया जाए।
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