इस खुनी संघर्ष के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के साथ ही एक-दूसरे की पुलिस को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने इस मामले में पीएमओ से दखल देने की मांग की है। फिलहाल हालातों के मद्देनजर असम-मिजोरम सीमा पर सीआरपीएफ की तैनाती की गई है।
घटना के बाद असम केमुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि मुझे यह सूचित करते हुए अत्यंत दुख हो रहा है कि असम पुलिस के छह वीर जवानों ने असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना।
वहीँ मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगाए। जोरामथांगा ने कहा कि रविवार को असम के दो सौ से ज़्यादा पुलिसकर्मियों ने दिन के साढ़े ग्यारह बजे कछार ज़िले के वैरंगते ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास बने सीआरपीएफ़ पोस्ट पर मिज़ोरम पुलिस और स्थानीय लोगों के खिलाफ बल प्रयोग किया। स्थानीय लोगों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज किया और टियर गैस का इस्तेमाल किया।
इसी तरह मंगलवार को सीएम जोरमथंगा ने पुलिस और नागरिकों के बीच झडप का एक वीडियो ट्वीट कर प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए इस मामले में फौरी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में असम में बीजेपी की और मिजोरम में बीजेपी नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सीमा विवाद पर बात की और विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक़ दोनों मुख्यमंत्रियों ने शाह को सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आवश्यक कदमउठाने का आश्वासन दिया है।