वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट (Union Budget) पेश करेंगी। सीतारमन पहले ही कह चुकी हैं कि यह बजट ख़ास होगा। ऐसा बजट (Union Budget) देश में पिछले सौ सालों में नहीं बना होगा। दरअसल केंद्र सरकार आम आदमी को नाराज किये बगैर अर्थव्यवस्था के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहती है। ऐसे में जर्जर आर्थिक हालातों से जूझ रहे आम आदमी को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं।
आगामी बजट में वित्त मंत्रालय आम आदमी को राहत देने के लिए बजट में कुछ अहम कदम उठा सकती है। इससे मध्यम और निम्न आय वाले तबके को बड़ा सहारा मिल सकता है। इस समय आम आदमी के पास नकदी की बेहद कमीं है। कर विशेषज्ञों ने आम आदमी की आय बढ़ाने के लिए करों में छूट की सीमा को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि कर की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच किया जाना चाहिए। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक़ सरकार को मौजूदा टैक्स स्लैब्स में भी परिवर्तन करना चाहिए। 10 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स 10 फीसदी होना चाहिए। 20 लाख रुपये तक इसे 20 फीसदी और उससे ऊपर की आय पर 30 फीसदी होना चाहिए। (Union Budget)
उल्लेखनीय है कि इस समय देश में 130 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का काम चल रहा है। इस काम में लगभग 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये तक का खर्च आने का अनुमान है। इसके लिए वित्त मंत्री को अतिरिक्त संसाधन जुटाने होंगे। इसलिए माना जा रहा है कि इसका खर्च अंततः कर दाताओं को ही उठाना पडेगा। हालांकि सरकार के इस कदम से कर दाताओं में नाराजगी के साथ ही आम उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।