यूपी के डिप्टी सीएम भड़काऊ भाषण के आरोपों से मुक्त

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत मिली है। सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए गठित प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने केशव प्रसाद मौर्य और चार अन्य लोगों को भड़काऊ भाषण और प्रताड़ना के आरोपों से मुक्त कर दिया है। मामला साल 2011 का है। तत्कालीन भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य और उनके चार अन्य सहयोगियों पर कौशांबी जिले में एक प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एडीजीसी (अपराध) राजेश कुमार गुप्ता ने आवेदन 22-ए प्रस्तुत किया। इसमें दलील दी गई कि इस मामले में न तो कोई व्यक्ति चोटिल हुआ और न ही इससे जनहित प्रभावित हुआ है और ना ही इसमें किसी निजी या सरकारी वाहन को आरोपियों द्वारा क्षति पहुंचाई गई है। यह मामला किसी व्यक्ति द्वारा दर्ज नहीं कराया गया है। इसलिए आरोपियों के खिलाफ दर्ज़ मुकदमा वापस लेने का आग्रह किया गया है।

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विशेष अदालत के न्यायाधीश डाक्टर बाल मुकुंद ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी केशव प्रसाद मौर्य, विभूति नारायण सिंह, जय चंद्र मिश्रा, यशपाल केसरी और प्रेमचंद चौधरी को आरोप मुक्त किया जाता है। इस मामले की फाइल कौशांबी से प्रयागराज की विशेष अदालत में आ गई थी, जिसने मुकदमा वापस लेने की अर्जी मंजूर कर ली।

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गौरतलब है कि कौशांबी जिले के तत्कालीन मंझनपुर थाना प्रभारी जंग बहादुर सिंह की लिखित सूचना के आधार पर एक सितंबर, 2011 को कोतवाली मंझनपुर में छह लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं समेत आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा सात के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें से एक आरोपी देवेंद्र सिंह चौहान की मृत्यु हो चुकी है। मामले की जांच तत्कालीन सीओ (हंडिया) केशव चंद्र गोस्वामी द्वारा की गई थी। इस मामले में कौशांबी के सीजेएम की अदालत में सभी आरोपियों को जमानत मिल गई थी।

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