UP News: रामजन्मभूमि परिसर में मजदूरों की कमी के कारण काम बाधित है, मंदिर का निर्माण और सुंदरीकरण तय समय पर नहीं हो पा रहा है, इसलिए समय सीमा पूरी होने की संभावना नहीं है।
ये बात राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शुक्रवार को यहां तीन दिनों तक कार्यों की प्रगति पर मंथन के बाद कही।
निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि मंदिर के पार्क में 8.5 लाख घन फीट वंशीपहाड़पुर लाल पत्थर की आवश्यकता है। कम से कम 200 मजदूरों की संख्या कम होने से काम बधित हो रहा है। उन्होंने साफ साफ कहा कि जून 2025 तक सभी काम पूरा करने का लक्ष्य हासिल होता नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा, "काम पूरा होने में तीन महीने और लगेंगे।"
उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। हजारों श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल रखने के लिए जगह का चयन कर लिया गया है, इस पर इसी सप्ताह भवन का निर्माण शुरू हो जाएगा।
रामनगरी अयोध्या में स्थित राम मंदिर के प्रथम तल पर कुछ ऐसे पत्थर लगाए गए हैं, जिनकी मोटाई कम है और गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है। अब इन पत्थरों को मकराना के पत्थरों से बदला जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के पहले दिन ये फैसला लिया गया है। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 800 मीटर लंबे परकोटे में रामकथा पर आधारित 80 भित्ति चित्र बनाए जाने हैं। ये सभी भित्ति चित्र कांसे के बनने हैं। इन्हें पत्थरों पर लगाया जाएगा। इनमें से 10 भित्ति चित्र बनकर तैयार हो चुके हैं। एक भित्ति चित्र लगाया भी जा चुका है।
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