Up Police फिर खाली हाथ लौटी, पंजाब सरकार ने मुख्तार को नहीं भेजा, जानें क्या कहा

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लखनऊ। सर्वोच्च न्यायायल की जारी नोटिस के बावजूद पंजाब के रोपड़ जेल अधीक्षक ने माफिया मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस (Up Police) के साथ नहीं भेजा है। कहा वह अपना सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब देंगे। इसके बाद एक बार फिर यूपी पुलिस को मुख्तार अंसारी के बगैर मायूसी लेकर वापस लौटना पड़ा है। 
Mukhtar Ansari
गाजीपुर पुलिस कर्मियों ने सर्वोच्च न्यायायल की जारी नोटिस को लेकर रविवार को पंजाब की रोपड़ जेल मुख्तार अंसारी को लेने के लिए पहुंचे थे। 11 जनवरी को कोर्ट में मुख्तार को पेश किया जाना था। पुलिस कर्मियों ने जब सुप्रीम कोर्ट की जारी नोटिस को रिसिव कराया। जेल अधीक्षक ने एक बार फिर अपना रट रटाया तर्क देते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसे उत्तर प्रदेश नहीं भेजा जा सकता है। बीमारी के कारण लम्बी यात्रा करना उनके सेहत के लिए काफी नुकसान दायक है। कहा कि वह इस नोटिस का जवाब कोर्ट में दायर कर देंगे। (Up Police)

पहले भी Up Police लौटी खाली हाथ 

इससे पहले भी बीते साल 21 अक्टूबर 2020 को प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी को पेश करने के लिए गाजीपुर पुलिस रोपड़ जेल गई थी। वहां के मेडिकल बोर्ड ने मुख्तार अंसारी की हालत बेहद गंभीर बताते हुए तीन माह का बेड रेस्ट करने की सलाह दे दी थी। जिसके बाद गाजीपुर पुलिस (Up Police) को खाली हाथ लौटना पड़ा था।

भाजपा विधायक और पूर्व डीजीपी का बयान 

मुख्तार अन्सारी को लेकर भाजपा और कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोप के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन ने कहा है कि मुख्तार अन्सारी को पंजाब में संरक्षण दिया जा रहा है। रोपड़ जेल प्रशासन किसी राजनेता के दबाव में आकर मुख्तार अंसारी को बचाने में लगा हुआ है। रोपड़ जेल के अधिकरियों के खिलाफ कारवाई होनी चाहिए। इसी तरह गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा से विधायक अलका राय ने भी पंजाब पुलिस पर आरोप लगाते हुए इस मामले में प्रियंका और राहुल गांधी को हस्तक्षेप करने की अपील की है।  (Up Police)
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